24.1 C
Indore
Friday, March 29, 2024

भारत के लगभग 80 प्रतिशत गाँव भूमिगत जल पर निर्भर

drinking waterकहा है पानी ? सावन के लिये तरसती आँखे आज फसलों को जलते हुए देखने को मजबूर है। रेगिस्तान फैलते जा रहे है , ग्लेशियर पिघलते जा रहे है और नदियाँ , नालों में तब्दील होती जा रही है। कमोबेस समूचे विश्व की स्थिति यही है। सतह के जलस्रोतों के हालात हम अपनी आँखों से देख कर महसूस कर सकते है , क्षुब्ध हो सकते है , विचलित हो सकते है ,किन्तु ग्लेशियर से पिघलकर सागर में मिल जाने वाली सरिताओं ,तालाबों ,झीलों के परे भी पिने योग्य जल की एक दुनिया है जिनकी उपादेयता से तो परिचित हैं किन्तु स्थिति से नहीं। आज अत्यधिक दोहन , जनसँख्या दबाव व तालाबों पर अबैध अतिक्रमण के कारण भूमिगत जल का स्तर या सतह गिरता जा रहा है। केवल पिने के लिये ही नहीं अपितु सिचाई से लेकर बृक्षों व पशुओं के भरण पोषण तक इस अमृत समान जल की उपयोगिता है। इस समय सतही जल की घटती गुणवत्ता व प्रदूषण के कारण इसका मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

उपयोगिता की दृष्टि से भूमिगत जल , सतह पर पीने योग्य उपलब्ध जल संसाधनों के मुकाबले अधिक महत्त्व पूर्ण है। भारत के लगभग 80 प्रतिशत गाँव ,पेयजल व कृषि कार्य के लिए भूमिगत जल पर ही निर्भर है और दुश्चिंता यह है कि विश्व में भूमिगत जल अपना अस्तित्व तेजी से समेट रहा है। विकासशील देशो में तो यह स्थिति और भयावह है जहाँ जलस्तर लगभग तीन मीटर प्रति वर्ष की रफ़्तार से घट रहा है। अगर भारतीय परिपेक्ष्य में बात करे तो यहाँ की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है। केन्द्रीय भूजल बोर्ड के द्वारा जारी अन्वेषणों के अनुसार भारत के भूमिगत जलस्तर में लगभग 20 सेमी प्रतिवर्ष की औसत से कमी हो रही है। यह भूमिगत जलस्तर का घटता हुआ क्रम हमारी भीमकाय जनसँख्या की जरूरतों को देखते हुए गहन चिंता का विषय है। इस का ताजा उदाहरण भारत के बुंदेलखंड क्षेत्र में देखनो को मिलाता है जहाँ जंगलो में चंबल के डाकुओं का गिरोह पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीणों पर सरचार्ज लगाते है। ऐसे हालात केवल बुंदेलखंड की ही नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश , मध्यप्रदेश व राजस्थान आदि राज्यों के कई ऐसे क्षेत्र है ,जो इस समस्या से दो चार हो रहे है।

इस समय गंगा के तलहटी में रहने वाली एक बड़ी जनसँख्या आज भी आर्सेनिक युक्त व अल्प गुणवत्ता वाला पेयजल पीने के लिये मजबूर है। गंगा प्रदूषण व अत्यधिक जल दोहन के कारण उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल का क्षेत्र इस समस्या से जूझनें को मजबूर है। भारत में इस समय स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिये कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है। इसके अतिरिक्त जल संरक्षण को लेकर भी भारत सरकार के द्वारा कई योजनायें संचालित हो रही है लेकिन मानवीय जागरूकता के बीना इनकी सफलता की परिकल्पना नहीं की जा सकती। हालांकि मनरेगा योजना ने जरुर कुछ इस क्षेत्र में सफ़लता अर्जित की है। भारत के कुछ पहाड़ी क्षेत्र जो इस समस्या से परेशान थे। उन क्षेत्रो में मनरेगा के द्वारा तालाबों ,कुओं आदि का निर्माण कर के जल संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया गया है। अगर कुछ बड़े राज्यों की स्थितियों पर चर्चाएँ की जाय तो राजस्थान की स्थिति ज्यादा भयावह है ।

क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है। रेगिस्तान प्रधान इस राज्य का क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल का 10.4 प्रतिशत हैं। राजस्थान में आज सबसे अधिक जनसंख्या अल्प गुणवत्ता युक्त पानी पीने को मजबूर है। इस राज्य में कुल 1 लाख 21 हजार बस्तियों में लोग निवास करते है। केन्द्रीय भू जल बोर्ड के अनुसार आज भी राजस्थान के 23 हजार 956 बस्तियों में रहने वाली जनसंख्या अल्प गुणवत्ता युक्त व दूषितं जल पीने को मजबूर है। इस समस्या से केवल राज्य के जनधन ही नहीं पशु धन भी दो चार हो रहे है क्योकिं भारत के कुल पशुधन में18.40 प्रतिशत हिस्सेदारी राजस्थान की है। इसके कारण साफ है क्योंकि रेगिस्तान प्रधान इस राज्य में सतही जल मात्र 1.16 प्रतिशत तथा भू –जल 1.14 प्रतिशत है। यह समस्या केवल छोटे शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों की ही नहीं है अपितु दिल्ली आदि जैसे बड़े शहर भी इससे दो चार हो रहे है। तभी तो इन शहरोँ की राजनीति पानी के इर्दगिर्द घुमती रहती है। जिस पानी को रजनीतिक मुद्दा बनाकर इन शहरों में रानीतिक दल सत्ता को प्राप्त करते है। इस समय उन्हीं शहरोँ में पानी के लिये लोग लम्बी – लम्बी कतारों में अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए साफ देखें जा सकते है।

मृदा ( धरती के ऊपरी सतह ) की अनेक सतहों के नीचे चट्टानों के अनेक छिद्रों या दरारों में छिपा आज सबसे कीमती खजाना है – भूमिगत जल , जिसके सिमटते ही मनुष्य डायनासोर की तरह विलुप्त हो सकते है। इस समय मौसम ने भी इस समस्या को बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हाल ही में जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने भारत में अल नीनो के प्रभाव की आशंका व्यक्त की है। भारत में कम बारिश होने कारण स्वभाविक ही भू –जलस्तर गिरता जायेगा। जल संरक्षरण के सबसे उपयुक्त साधन तालाबों व कुओं की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रो में जनसंख्या दबाव तथा अतिक्रमण के कारण काफी दयनीय है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद भी राज्य सरकारें ऐसे स्थानों से अतिक्रमण हटाने में असफल है। इस समस्या का हाल ढूढें बगैर प्रधानमंत्री मोदी का दूसरी हरित क्रांति का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता। आज कई ऐसे राज्य है जो इस समस्या से दो –दो हाथ कर रहे है। इसके लिये जन जागरूकता भी जरुरी है ताकि लोग पानी की उपयोगिता को समझे। एक समय पर दुनिया पर अधिकार रखने वाले डायनासोर एक शोध के अनुसार , भोजन की कमी के कारण समाप्त हो गये थे, तो यह आशंका भी निर्मूल नहीं कि एक दिन मनुष्य भी नहीं सुधारे तो बिना पानी के समाप्त हो जाएँगे।

:-नीतेश राय 

Nitesh Raiलेखक :- नीतेश राय (स्वतंत्र टिप्पणीकार )
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल
के विस्तार परिसर “कर्मवीर विद्यापीठ” में पत्रकारिता के छात्र है । 
Email- niteshrai886@gmail.com
mobi-08962379075

 

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...