35.1 C
Indore
Friday, March 29, 2024

BBC Hindi : बीबीसी निष्पक्ष पत्रकारिता के 75 वर्ष

bbc_hindiबीबीसी अर्थात,ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन अपनी हिंदी सेवा के स्थापना के 75 वर्ष पूरे कर चुका है। बीबीसी परिवार से जुड़े सभी लोग मीडिया का सिरमौर समझे जाने वाले इस विश्व के सबसे प्रमुख एवं विश्वसनीय मीडिया हाऊस की स्थापना पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। हालांकि जनवरी 2011 में बीबीसी परिवार को उस समय एक बड़ा झटका लगा था जबकि बीबीसी के तत्कालीन प्रमुख पीटर हॉक्स ने अपनी एक अप्रत्याशित घोषणा में भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय बीबीसी रेडियो सर्विस के हिंदी प्रसारण सहित मैसोडोनिया,सर्बिया,अल्बानिया,रूस,यूक्रेन तुर्की,मेड्रिन,स्पेनिश,वियतनामी तथा अजेरी भाषा के बीबीसी प्रसारण मार्च 2011 के दूसरे पखवाड़े से बंद किए जाने की घोषणा की थी। इनमें अधिकांश देशों के प्रसारण बंद भी कर दिए गए। भारत में श्रोताओं व बीबीसी समर्थकों के भारी दबाव के बावजूद यहां भी बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की गई तथा प्रसारण कार्यक्रमों में परिवर्तन किया गया।

ग़ौरतलब है कि विश्व की सबसे लोकप्रिय निष्पक्ष एवं बेबाक समझी जाने वाली बीबी सी समाचार सेवा का मुख्यालय हालांकि लंदन स्थित बुश हाऊस में है तथा यह सेवा पब्लिक ट्रस्ट से संचालित होती है। परंतु बी बी सी के कर्मचारियों तथा पत्रकारों की तनख़्वाह के लिए ब्रिटेन का विदेश मंत्रालय पैसा मुहैया कराता है। लिहाज़ा ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने ही 2011 में यह फैसला लिया था कि बी बी सी को दिए जाने वाले अनुदान में 16 प्रतिशत की कटौती की जाए। तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग का कहना था कि बीबीसी की भविष्य की प्राथमिकताएं नए बाज़ार होंगे। जिसमें ऑनलाईन प्रसारण,इंटरनेट तथा मोबाईल बाज़ार प्रमुख हैं। इस फैसले से बी बी सी से आत्मीयता का गहरा रिश्ता रखने वाले समाचार श्रोताओं के हृदय पर यह निर्णय एक कुठाराघात भी साबित हुआ था। परंतु समय के साथ-साथ संचार माध्यमों में आए परिवर्तन के चलते बीबीसी ने स्वयं को उसी के अनुरूप ढाल कर एक बार पुन: समाचार जगत में अपनी विश्वसनीयता तथा लोकप्रियता को बरकरार रखने का पूरा प्रयास किया है।

जिस समय 2011 में लंदन में बैठकर बीबीसी के नीति निर्धारकों द्वारा बीबीसी हिंदी सेवा के रेडियो प्रसारण को बंद किए जाने का फैसला लिया जा रहा था इससे भारत में बीबीसी से नाता रखने वाले करोड़ों लोग बेहद दु:खी थे। इसका सीधा एवं स्पष्ट कारण यही था कि बीबीसी विश्व समाचार हिंदी के रेडियो प्रसारण ने अपनी निष्पक्ष,बेबाक, शुद्ध साहित्य,सही उच्चारण से परिपूर्ण तथा त्वरित पत्रकारिता के चलते भारत की करोड़ों अवाम के दिलों में जो सम्मानपूर्ण जगह बनाई थी वह जगह अन्य मीडिया घराने यहां तक कि सरकारी मीडिया हाऊस भी नहीं बना सके थे। बीबीसी ने अपने शानदार समाचार विश्लेषण,साहित्यिक सूझबूझ रखने वाले पत्रकारों तथा शुद्ध एवं शानदार उच्चारण के चलते स्वतंत्रता के बाद से लेकर अब तक भारतीय श्रोताओं के दिलों पर राज किया। यह कहने में कोई हर्ज नहीं कि बीबीसी सुनकर ही हमारे देश में न जाने कितने युवक आईएएस अधिकारी बने,कितने लोग नेता बने तथा तमाम लोग छात्र नेता, लेखक,पत्रकार,व अन्य अधिकारी बन सके। बीबीसी परीक्षार्थियों तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले युवकों को भी अत्यंत लोकप्रिय था।

बीबीसी रेडियो की हिंदी सेवा ने गरीबों,रिक्शा व रेहड़ी वालों,चाय बेचने वालों,दुकानदारों से लेकर पंचायतों व चौपालों आदि तक पर लगभग 6 दशकों तक राज किया। भारत में अब भी बीबीसी के लाखों श्रोता ऐसे हैं जिनका नाश्ता बीबीसी की पहली प्रात:काल सेवा से ही होता है तथा रात में अंतिम सेवा सुनकर ही उन्हें नींद आती है। यह कहने में भी कोई हर्ज नहीं कि भारत में बीबीसी हिंदी सेवा सुनने के लिए ही समाचार प्रेमी श्रोतागण रेडियो व ट्रांजिस्टर खरीदा करते हैं। तमाम भारतीय समाचार पत्र-पत्रिकाएं तथा टी वी चैनल बीबीसी के माध्यम से खबरें लेकर प्रकाशित व प्रसारित केवल इसलिए किया करते हैं क्योंकि बीबीसी की खबरों की विश्वसनीयता की पूरी गांरटी हुआ करती है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि 2011 में पूरा विश्व विशेषकर पश्चिमी देश भारी मंदी व इसके कारण पैदा हुए आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहे थे। परंतु आर्थिक संकट के उस दौर में यदि कटौती करनी भी चाहिए तो सर्वप्रथम युद्ध के खर्चों में कटौती की जानी चाहिए थी। इराक,अफगानिस्तान तथा अन्य उन तमाम देशों में जहां अमेरिका तथा उसके परम सहयोगी देश के रूप में ब्रिटिश फौजें तैनात थीं दरअसल वहां होने वाले भारी-भरकम एवं असीमित खर्चों में कटौती की जानी चाहिए थी। न कि पूरी दुनिया में विश्वसनीयता का झंडा गाडऩे वाले बीबीसी जैसी रेडियो सेवा पर खर्च होने वाले पैसों में। बीबीसी हिंदी सेवा के प्रसारणों में कमी के कारण यहां के श्रोतागणों की नाराज़गी भारतवर्ष में उस समय काफी मुखरित होती दिखाई दे रही थी। परंतु बड़े ही संतोष का विषय है कि बीबीसी के कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर की गई छंटनी तथा रेडियो सेवा के अतिरिक्त वेब पोर्टल जैसे अन्य वर्तमान आधुनकि संचार माध्यमों के द्वारा भी बीबीसी ने स्वयं को उसी प्रकार स्थापित कर अपने समर्थकों,शुभचिंतकों तथा श्रोताओं को मायूस होने से बचा लिया है।

बीबीसी ने अपनी शानदार पत्रकारिता एवं बेहतरीन प्रसारण के बल पर श्रोताओं के मध्य विश्व स्तर पर जो प्रतिष्ठा अर्जित की थी वह अब तक दुनिया की किसी और समाचार सेवा ने नहीं हासिल की। बीबीसी ने भारत में अपने श्रोताओं से संबंध स्थापित करने के लिए कभी विशेष रेल यात्रा निकाली तो कभी अपनी टीम के साथ देश के विभिन्न राज्यों में बस यात्राएं कीं। बीबीसी के इन्हीं प्रयासों से यह प्रतीत होता है कि वह अपने प्रसारकों व पत्रकारों को ही नहीं बल्कि अपने श्रोताओं को भी अपने परिवार का ही एक सदस्य समझती है। और यही वजह है कि बीबीसी के श्रोता यह आस भी लगाए बैठे हैं कि संभवत: अब बीबीसी का हिंदी न्यूज़ चैनल भी शीघ्र ही शुरु होगा। विश्व की इस सबसे प्रतिष्ठित व विश्वसनीय समाचार सेवा को और अधिक मज़बूत व मुखरित तथा प्रतिष्ठापूर्ण बनाने के लिए बीबीसी प्रबंधन को तथा ब्रिटिश सरकार को और अधिक प्रयास करने चाहिए। ब्रिटिश सरकार को स्वयं इस बात पर $गौर करना चाहिए कि वॉयस ऑफ अमेरिका रूस,चीनी तथा जर्मनी रेडियो की समाचार सेवाओं को कहीं पीछे छोड़ते हुए बीबीसी ने अपनी लोकप्रियता का जो झंडा बुलंद किया है उसे बरकरार रखा जाए। यह कहना $गलत नहीं होगा कि दुनिया में ब्रिटेन का आज भी जो थोड़ा-बहुत सम्मान आम लोगों के दिलों में है उसका एक प्रमुख बड़ा कारण बीबीसी लंदन जैसी विश्वसनीय समाचार सेवा भी है। ज़ाहिर है विश्वास के इस वातावरण को और भी अधिक मज़बूत व भरोसेमंद बनाए जाने की ज़रूरत है।

आले हसन,पुरुषोत्तमलाल पाहवा,विजय राणा,रामपाल,मार्क टुली,ओंकार नाथ श्रीवास्तव,से लेकर संजीव श्रीवास्तव,सलमा ज़ैदी,राजेश जोशी,महबूब खान,रेहान फज़ल,भारतेंदु विमल, पंकज प्रियदर्शी तथा अविनाश दत्त तक बीबीसी के सभी योग्य एवं होनहार पत्रकारों ने निश्चित रूप से भारतीय श्रोताओं के दिलों पर दशकों तक राज किया है। भारतीय श्रोता बीबीसी के आजतक,विश्वभारती, आजकल तथा हम से पूछिए जैसे उन कार्यक्रमों को कभी नहीं भुला सकेंगे जो भारतीय चौपालों,पंचायतों,भारतीय सीमाओं तथा चायख़ानों तक में बड़ी गंभीरता से सुने जाते थे। बीबीसी हिंदी प्रसारण के शाम को प्रसारित होने वाले इंडिया बोल कार्यक्रम में भारतीय श्रोता अपने विचार अपने दिलों की गहराईयों से व्यक्त करते रहते हैं। अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे करने के अवसर पर समस्त बीबीसी परिवार बधाई एवं शुभकामना का पात्र है।

निष्पक्ष समाचार प्रसारण सेवा की इतनी लंबी यात्रा पूरी कर लेने पर कारपोरेशन के जि़म्मेदार लोगों को इसे सुदृढ़, और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने की ज़रूरत है। बहुत ही कम समय में हालांकि बीबीसी ने वेबसाईट व दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा स्वयं को इस माध्यम में भी स्थापित करने जैसा सफल प्रयास किया है। बीबीसी को चाहिए कि भारत में अभी भी हिंदी न्यूज़ चैनल के क्षेत्र में यहां के दर्शकों व श्रोताओं को एक निष्पक्ष,विश्वसनीय व दमदार टीवी चैनल की आवश्यकता महसूस हो रही है। बीबीसी के नीति निर्धारक इस कमी को पूरा कर सकते हैं। अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे करने के शुभ अवसर पर उन्हें यह निर्णय लेना चाहिए कि वे अपने अंग्रेज़ी टीवी समाचार चैनल की ही तरह हिंदी भाषा में भी एक 24/7 का एक टीवी चैनल प्रारंभ करें। आशा है बीबीसी प्रबंधन यथाशीघ्र इस ओर भी ध्यान देगा।

:-तनवीर जाफरी

tanvirतनवीर जाफरी 
1618, महावीर नगर, 
मो: 098962-19228 
अम्बाला शहर। हरियाणा

 

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...