23.1 C
Indore
Friday, March 29, 2024

अनजाने-अनचाहे कलयुगी सीरियल संस्कार

      ” डाॅ. अंजु वाजपेयी “
anju vajpayi बच्चे छोटे होने की वजह से आठ-दस कार्टून सीरियलों को देखने का मौका मुझे मिला। कई सीरियल विदेशो में बनी सीरियलों का  हिन्दीकरण हैं। लगभग प्रत्येक सीरियल में एक गेजेट होता है जो कोई भी काम कर सकता है। पात्र उसमें पांच मिनिट में धरती से  आकाश पहुंच जाता है कई बार तो पिछले जन्म तक में पहुंच जाता है।

ये सीरियल है डोरेमोन। हमारी भारतीय सीरियल छोटा भीम में भीम एक लड्डू खाकर कोई भी काम कर लेता है। कितने भी बड़े  भयानक पात्र उसके सामने हों उन सबका सफाया कर देता है। मोटू-पतलू, क्रिश , माइटी राजू इत्यादि पात्र भी ऐसे हैं जो कोई भी  काम कर सकते हैं।

ये सब बातें वास्तविकता से कितनी दूर है इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। पहले जब शक्तिमान सीरियल आता थी न जाने कितने बच्चों ने उसकी नकल करने की कोशिश की थी और उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा था। आज के समय में इन सीरियलों के सामने बच्चों को बिठाकर माता-पिता सोचते हैं कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं एक जगह बैठे तो हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि चंचल बच्चे टीवी के सामने सीरियल को देखते-देखते उसको करने का प्रयास करते हैं जो उनके जीवन के लिये खतरनाक साबित हो सकता है, कहीं-कहीं हुआ भी है, अभी कुछ समय पहले इंदौर में, भोपाल में और देश के कई अन्य शहरों में बच्चों ने खेल-खेल में फांसी लगा ली थी और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। अब सोचिये हम बच्चों को क्या दे रहे हैं। बच्चे कल्पना में जीना सीख रहे हैं।

बच्चे गैजेट माता-पिता को समझते हैं उनकी मांगे रोज-रोज होती हैं ऐसी मांगों में नाजायज मांगे भी होती हैं, उन्हें माता-पिता पूरी करने की कोशिश करते भी हैं, मुख्यतः वो माता-पिता जो दोनों नौकरी करते हैं। मांगे पूरी करने के लिये माता-पिता अपनी ईमानदारी से कई बार भटक भी जाते हैं और नहीं पूरी कर पाते तो बच्चे भटक जाते हैं। इस पूरे वाकये में बच्चे की गलती कहाँ हैं। बताइये?

पुराने समय में चूंकि टीवी नहीं हुआ करता था इसलिये बाल कल्याण, चंपक, अमरचित्र कथाएं इत्यादि पढ़ने मिलती थीं जिससे बच्चे चरित्रवान लोगों के बारे में जानते थे। आज यदि बच्चे बाल अपराधी बन रहे हैं, तो अभी भी क्या दोष आप बच्चों को देंगे। नहीं अब दोष या तो माता-पिता का है या समाज का।

अब दूसरी तरह के सीरियलों की बात करें। ओगी एवं काकरोच में काकरोचों के द्वारा संबंधों की बात, नोमिता एवं शिजुका के रिश्तों की बात। ये संबंध हम 4-5 साल के बच्चों को दिखा रहे हैं, सिखा रहे हैं। ये तो सीरियल की बात हो गई लेकिन उन घरों में जिनमें एक ही कमरे में कई-कई लोग रहते हैं, वहाँ बच्चे क्या देखते-सीखते हैं अंदाजा लगा सकते हैं?

ये कहानी सबने सुनी होगी कि एक बच्चा जो चोरी करता था जब पकड़ा गया तो उसने सबसे पहले अपनी माँ का कान काटा, उसने कहा कि जब मैंने पहली चोरी की तो सबसे पहले मेरी माँ ने सुनी थी लेकिन रोका नहीं, क्यों ? ऐसे हालात सभी बच्चों के साथ होते हैं, चाहे वो गरीब परिवार के हों या संपन्न परिवार के हों। इसलिये कहा जाता है माँ सबसे पहली शिक्षिका होती है।

निर्भया के प्रकरण को ही लीजिए, हाँलाकि वो दिल्ली में हुआ था इसलिये चर्चित हुआ, वरना ऐसे प्रकरण हमारे देश में आम हो गये हैं, लेकिन ये समाज का एक पहलू है। दूसरा पहलू यह भी है कि लड़कियों का घर छोड़कर आना, ससुराल पक्ष को फंसाना भी आम हो गया है। यदि हम पहले प्रकरण की बात करें तो हम जानेंगे कि निर्भया के प्रकरण में जो बाल अपराधी है उसे छोटी से उम्र में घर से दूर कर दिया गया जो उम्र उसके खेलने की है उसमें उसने ढाबे पर बर्तन मांजे। उसने वहाँ शराब परोसी, फ्री मिली तो पी भी ली।

गालियां खाई, मार खाई और लोगों कोे मौज मस्ती भी करते देखा। इतनी सी उम्र में इतना सब देखने के बाद आप उससे एक सच्चा अच्छा ईमानदार व्यक्ति बनने की अपेक्षा कहाँ से कर सकते हैं। क्या ऐसे प्रकरणों में माँ-बाप के लिये सजा का प्रावधान नहीं होना चाहिए। समाज के लिये कोई दण्ड नहीं होना चाहिये।

क्या आपने सुना कि ढाबे वाले को सजा हुई जबकि ऐसी उम्र में बच्चों से काम कराना अपराध है। पर हम तो पुराने कानूनों को ढो रहे हैं जो बाते चालान में नहीं कही गई, न्यायालय एक्षन नहीं ले सकता। न्यायाधीश के पास बहुत से अधिकार हैं। पर उसे इसके बारे में पता नहीं होता या काम अधिक होने के कारण वो ऐसा करना नहीं चाहते। हम नये कानून लाते जाते हैं पर पुराने कानूनों को बदलने की जहमत तक नहीं उठाते।

दूसरी प्रकरण की बात करें तो हम अपनी बच्चियों को यह ही नहीं बताते कि परिवार क्या होता है उसमें कैसे रहा जाता है? सषक्तिकरण का अर्थ यह नहीं होता है कि घर ही टूट जाये। जितने घर टूटते हैं उनमें से 50 प्रतिषत घर टूटने की वजह लोग लड़की की माँ को बताते हैं। इसमें कुछ तो सच्चाई होगी। हमारे देष में महिलाओं के लिये तरह-तरह के कानून बने लेकिन देखा गया है कि उसका उपयोग कम, दुरूपयोग ज्यादा हुआ है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि समाज के डर से हम अपनी बच्चियों को मरने के लिये छोड़ दें। यह भी देखा गया है कि माता-पिता बच्ची से कहते हैं घर वापिस मत आ जाना लोग क्या कहेंगे। जब मर जाती हैं तो ससुराल पक्ष पर केस करते हैं।

यह किसी की परिवरिश पर सवाल नहीं है, लेकिन आज कि परिस्थितियों, वातावरण एवं सामाजिक स्थितियों को देखते हुये बच्चों को संस्कार देने चाहिये। एकल परिवार में बच्चों पर टीवी का अधिक प्रभाव होता है। इन सबसे दूर रखकर प्राथमिक शिक्षक-माँ ही अपने बच्चों को उचित संस्कार दे सकती है।

यदि हमने बच्चों को संस्कार नहीं दिये तो आगामी समय में हमारे देश की स्थिति और अधिक भयानक हो सकती है। पहले माता-पिता एवं गुरू,शिक्षा एवं ज्ञान के तीन स्तंभ होते थे जिसके आधार पर एक मनुष्य का निर्माण होता था। कालांतर में टेलीविजन इन तीनों से महत्वपूर्ण चौथा  स्तंभ हो गया है। जिसके साथ किसी भी परिवार के बच्चे व वयस्क अपना अधिकांश समय बिताते हैं। जाने या अनजाने अब टेलीविजन सूचना प्रसारण, पत्रकारिता अथवा मनोरंजन आदि का साधन ही नहीं रह गया है अपितु परिवारों में यह ज्ञान, शिक्षा व संस्कार तथा सूचना का स्त्रोत हो गया है।

मानो या न मानो पर इसका स्थान गुरू के समकक्ष ही हो गया है। अतः हम टेलीविजन को एक सूचना प्रसारण अथवा मनोरंजन का ही माध्यम मानकर अब संस्कारित होने बरी नहीं कर सकते। जिस प्रकार एक गुरू का संस्कारवान होना, शिक्षित होना व सभ्य होना जरूरी है, जिससे समाज में अच्छे मनुष्य का निर्माण हो।

उसी प्रकार गुरू के स्थान पर बैठा टेलीविजन भी इन तीनों गुणों से सम्पन्न होना अति आवश्यक है। हम शिक्षा व ज्ञान के इस माध्यम को अनावश्य्क छूट देकर अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार रहे हैं। अब समय आ गया है कि टेलीविजन के बढ़ते एवं महत्वपूर्ण कद को देखते हुए इन तीन स्तंभों के आधार पर प्रसारित सूचना एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा होना चाहिए जिसके आधार पर हम एक सभ्य, शिक्षित एवं सुसंस्कृत पीढ़ी या परिवार का निर्माण हो।

डाॅ. अंजु वाजपेयी 
पूर्व न्यायाधीष, म.प्र

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...