36.1 C
Indore
Friday, March 29, 2024

भगवान भटकते गली-गली….

God wandering street-alleyसम्राट अकबर के बारे में कहा जाता है कि वे पुत्र प्राप्ति की खातिर देवी से मन्नत मांगने माता वैष्णों देवी तथा ज्वाली जी के मंदिरों तक पैदल ही गये थे। आज भी यदि हम देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर जाएं तो हमें यह दिखाई देगा कि अब भी कई आस्थावान लोग देवी-देवताओं व भगवान के दर्शन करने हेतु दूर-दराज़ के इलाकों से साईकल पर सवार होकर,पैदल चलकर अथवा दंडवत करती हुई मुद्रा में लेट-लेट कर तीर्थ स्थलों की ओर प्रस्थान करते रहते हैं।

गोया आम लोगों में यह धारणा बनी हुई है कि अपने शरीर को कष्ट देकर देवी-देवताओं व भगवान के दर्शन करने वालों पर उनकी कृपा दृष्टि शीघ्र होती है। परंतु धर्म के नाम पर आम जनता को बेवकूफ बनाने वालों ने तथा देवी-देवताओं के नाम पर ठगी करने का बीड़ा उठाने वालों ने लगता है आम लोगों की जेब से पैसे ठगने के लिए ऐसी व्यवस्था बना रखी है कि अब आप को भगवान का आशीर्वाद लेने हेतु किसी मंदिर व दरगाह आदि में जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। भगवान, देवी-देवता अथवा सिद्ध पीर-फकीर स्वयं इन ठगों के हाथों का खिलौना बन कर आपके समक्ष उपस्थित हो जाया करेंगे। चाहे वह आपका घर हो, दुकान,कार्यालय यहां तक कि यदि आप बस या ट्रेन में यात्रा कर रहे हों तो वहां भी आपकी यात्रा को मंगलमय बनाने के लिए भगवान पहुंच जाएंगे।

मोहल्ले व गलियों में घूम-घूम कर भिक्षा मांगने का चलन तो हमारे देश का बेहद प्राचीन चलन है। दान-दक्षिणा,खैरात आदि देना भी हमारे संस्कारों में शामिल है। परंतु सीधे-सादे भक्तों को धार्मिक व भावनात्मक रूप से ब्लैक मेल करना भी अब हमारी परंपराओं का एक हिस्सा बनता जा रहा है। मिसाल के तौर पर हर शनिवार के दिन बाल्टी अथवा किसी अन्य बर्तन में दान लेने,नकदी वसूल करने तथा तेल का दान करने का चलन तो हमारे देश में बड़ा पुराना हो चुका है। यदि आप देखें तो प्रत्येक शनिवार को शनि देवता के नाम पर दान मांगने वाले लोग आपके पास नक़द अथवा तेल का दान लेने पहुंच जाते हैं।

भिाखारियों ने मंगलवार को भिक्षा मांगने का तो बा$कायदा राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा नेटवर्क बना रखा है। परंतु अब इसका स्वरूप भिक्षा के साथ-साथ आशीर्वाद दिए जाने का बनने लगा है। स्वयं को ब्राह्मण दर्शाने वाले पंडित रूपी लोगों से लेकर झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले छोटे बच्चे तक अपने हाथों में किसी देवी-देवता,भगवान अथवा किसी भी जाने-माने संत अथवा फकीर की $फोटो लेकर किसी भी स्थान अथवा समय पर आपके समक्ष आ धमकते हैं। उनके हाथ में जो तस्वीर अथवा मूर्ति होती है उसके साथ यह तत्व धूप-अगरबत्ती भी सुलगा कर रखते हैं। ताकि लोगों को प्रभावित व अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।

भगवान को लेकर दर-दर भटकने के इन पाखंडियों के प्रयासों को अब भावनात्मक रूप भी दिया जा रहा है। देश के तमाम प्रमुख रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर खासतौर पर वाराणसी जैसे धर्मस्थलों के रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर साफ-सुथरे लिबास धारण किए स्वयं को पंडित बताने वाले तिलकधारी लोग बाकायदा भगवान को सजा कर धूप-बत्ती करते हुए आपके समक्ष प्रकट हो जाएंगे। यह अपने साथ प्रसाद के नाम पर खाने-पीने की कोई साधारण से सामग्री भी लिए होते हैं। बिना आपसे पूछे हुए यह पाखंडी ठग आपके माथे पर तिलक लगाकर आपको आशीर्वाद देने लग जाते हैं। तिलक लगाने के बाद आपको यह कहकर प्रसाद भी देते हैं कि यह अमुक मंदिर का प्रसाद है। यह ठग अपने बोल-वचन में किसी प्रसिद्ध मंदिर का नाम भी लेते हैंं।

जैसेकि वाराणसी के स्टेशन पर पाया जाने वाला इस पेशे में लगा पाखंडी आपको यह कहकर आपकी यात्रा मंगलमय होने का आशीर्वाद देगा कि यह प्रसाद ज्योति आदि काशी-विश्वनाथ मंदिर की है। ज़ाहिर सी बात है कि इतने बड़े प्रसिद्ध मंदिर का नाम सुनने के बाद वाराणसी से गुज़रने वाला कोई भी रेलयात्री बिना कुछ सोचे-समझे अपनी आस्था के अनुसार उस तथाकथित पंडित को अपनी श्रद्धा व हैसियत के अनुसार कुछ न कुछ दान ज़रूर दे देता है। यहां यह बात स्वयं आसानी से समझी जा सकती है कि जब आम आदमी किसी भिखारी अथवा निठल्ले व्यक्ति को एक-दो रुपये दान में दे देता है तो ऐसा कोई व्यक्ति उन पाखंडियों के तिलक लगाने,प्रसाद देने तथा यात्रा के मंगलमय होने का आशीर्वाद देने के नाम पर तथा साथ में भारी भरकम मंदिर या तीर्थ स्थान का नाम लेने पर उसे भला पांच दस या बीस रुपये से कम का दान क्योंकर देगा? कोई-कोई श्रद्धालु तो सौ-पचास रुपये भी इन पाखंडियों को देकर इनकी और भी हौसला अफज़ाई कर देते हैं।

यहां आम आदमी यह सोचने की ज़हमत गवारा नहीं करता कि जिस भगवान के दर्शन करने तथा जिस मंदिर का आशीर्वाद लेने या वहां का प्रसाद लेने के लिए भक्तगण सैकड़ों व हज़ारों किलोमीटर यात्रा कर किसी तीर्थ स्थल पर पहुंचते हैं वही देवी-देवता,भगवान अथवा संत-फकीर इतनी आसानी से किसी पाखंडी के हाथों का खिलौना बनकर रेलवे प्लेट$फार्म पर अथवा ट्रेन के डिब्बों में स्वयं कैसे उपस्थित हो जाते हैं। मंदिरों में जाकर मिलने वाला प्रसाद भक्तों के पास बसों,ट्रेनों में या उनकी चौखट पर स्वयं चलकर कैसे और क्यों आ जाता है?

आपने देखा होगा कि इसी प्रकार अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाने के नाम पर उसी चादर के चारों कोने पकड़ कर ठग लोग गली-कूचे व बाज़ारों में घूमते दिखाई देते हैं। श्रद्धालु लोग अपनी आस्था के अनुसार उनकी चादर में रुपये पैसे फेंकने लगते हैं। यह लोग भी भक्तों को यह समझाने के प्रयास करते हैं कि यह विशेष चादर अमुक दरगाह में ले जाकर मज़ार पर चढ़ाई जाएगी। लिहाज़ा आप भी इसमें अपना आर्थिक सहयोग देकर इस धार्मिक व आस्था से जुड़े कृतय में सहयोगी बनें। और श्रद्धालु लोग इन के झांसे में बड़ी आसानी से आ भी जाते हैं।

भक्तजनों की श्रद्धा व ऐसे पाखंडियों के इस प्रकार के पाखंडपूर्ण कारनामों पर अधिक तवज्जो न देने के कारण ही धार्मिक भावनाओं के नाम पर लोगों को ठगने का सिलसिला दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। बेरोज़गारी के इस दौर में बिना मेहनत किए धन कमाने की सोच रखने वाले तमाम पाखंडी लोग इस प्रकार के व्यवसाय में बड़ी आसानी से शामिल हो जाते हैं। पूरे देश में कहीं कोई किसी गऊ की पीठ पर चादर डालकर गऊमाता के भोजन के नाम पर दरवाज़े-दरवाज़े जाकर भक्तों से पैसे या राशन मांगता है। कोई व्यक्ति अपने साथ साईं बाबा का मंदिर सजाकर गली-गली घूम-घूमकर साईं बाबा का आशीर्वाद दरवाज़े-दरवाज़े पहुंचाता दिखाई देता है। कोई गुुुगा पीर के नाम का परचम लेकर गुगा माड़ी जाने के लिए आपके दरवाज़े पर आ धमकता है तथा गुुगा पीर का आशीर्वाद घर बैठे पहुंचता है। । कोई कहता है कि नांदेड़ हुज़ूर साहब जाना है पैसे दे दो। हुज़ूर साहब आपका भला करेंगे।

सवाल यह है कि देवी-देवताओं,भगवान अथवा संत-फकीरों के चित्र लेकर,उनके नाम का दुरुपयोग कर तथा घर-घर,गली-गली दरवाज़े-दरवाज़े पर जाकर इन के नाम पर लोगों को ठगने के प्रयास कितने उचित हैं? गली-गली में जाकर भगवान की मूर्ति लेकर घूमना,बिना मांगे किसी को प्रसाद देना,भगवान की मुर्ति अथवा चित्र को हाथों में लेकर बिना आपके निमंत्रण के आपके समक्ष प्रकट हो जाना भगवान का अपमान व निरादर है अथवा नहीं? यदि आप संसार के साधारण व प्रचलित नियमों की ओर भी गौर से देखें तो आप यही देखंगे कि कोई भी दो परिचित अथवा अपरिचित वयक्ति भी यहां तक कि रिश्तेदार,मित्रगण अथवा सगे-संबंधी भी बिना किसी निमंत्रण के बिना किसी खास अवसर के अथवा बिना किसी भी आयोजन अथवा पारिवारिक कार्यों के समय भी बिना बुलाए बिना आमंत्रित किए एक-दूसरे के घर पर नहीं जाते।

फिर आखिर देवी-देवताओं,भगवानों व सिद्ध पुरुषों का इन पाखडियों व ठगों के हाथों का खिलोना बनकर दर-दर भटकने या रेलवे स्टेशन व बाज़ारों आदि सार्वजनकि स्थलों पर जाने का क्या औचित्य है? ज़ाहिर है यह नाकारों,आलसी तथा बिना किसी मेहनत के अथवा व्यवसाय के धन कमाने का एक ज़रिया मात्र हैं। ऐसे ठगों व पाखंडियों को दान-दक्षिणा देकर इन्हें प्रोत्साहित करने के बजाए भगवान को दर-दर भटकाने वाले इन पाखंडियों को हतोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है।

:-निर्मल रानी

nirmalaनिर्मल रानी 1
618, महावीर नगर
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-0171-2535628

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...