35.3 C
Indore
Friday, April 19, 2024

उज्जैन सिंहस्थ : साधुओं के सम्मान में सरकार फेल !

simhatha-kumbh-mela-महाकाल की पावन नगरी उज्जैन में सिंहस्थ की औपचारिक शुरुआत हुए अभी पूरा एक सप्ताह भी नहीं बीता हैं परन्तु प्रशासनिक स्तर पर उजागर हुई अनेक व्यवस्थागत खामियों से सरकार की छवि धूमिल होने का सिलसिला अभी से प्रारंभ हो गया है और सर्वाधिक खेद की बात यह है कि इन व्यवस्थागत खामियों का शिकार उन तपस्वी साधु संतों को भी बनना पड़ रहा है जो इस आयोजन में सर्वोच्च सम्मान पाने के अधिकारी हैं।

पहले ही शाही स्नान में अधिकारियों के हाथों हुई उनकी उपेक्षा ने साधु संतों को इतना क्षुब्ध और व्यथित कर दिया है कि वे अक्षय तृतीया को आयोजित दूसरे शाही स्नान के पूर्व ही उज्जैन छोडक़र चले जाने का मन बनाने लगे है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि महाराज ने कुछ उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के आचरण और व्यवहार पर सवाल उठाते हुए यहां तक कहा है कि शायद कलेक्टर और एसपी को इस सनातन परंपरा का ज्ञान नहीं है कि सिंहस्थ में अमृत स्नान के दौरान कोई भी अफसर साधुओं के पहले स्नान नहीं करता अन्यथा अमृत स्नान के दौरान वह अप्रिय दृष्य देखने को नहीं मिलता जब अफसरों ने साधुओं के पूर्व ही स्नान करने की जल्दबाजी दिखाने से परहेज नहीं किया।

नरेन्द्र गिरि के मन की व्यथा का अनुमान उनके इसी कथन से लगाया जा सकता है कि कलेक्टर और अन्य अफसर यह तो जानते है कि पुल कैसे बनाना है, शौचालय कैसे बनाना है और पानी की व्यवस्था कैसे करनी है परन्तु उन्हें यह नहीं मालूम की साधु परंपरा क्या होती है। नरेन्द्र गिरि ने पत्रकारा वार्ता में व्यवस्थागत खामियों पर जो सवाल उठाए है उनका जवाब शायद सिंहस्थ मेले के प्रभारी मंत्री के पास भी नहीं है जिनकी निगरानी में प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भारी भरकम टीम ने सिंहस्थ की तैयारियों को अंजाम देकर स्वयं ही अपनी पीठ थपथपा ली।

यहां यह भी गौरतलब हकीकत है कि स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार अधिकारियों की बैठकें लेकर उन्हें यह निर्देश दिए थे कि सिंहस्थ को अपनी उपस्थिति से महिमा मंडित एवं गरिमामय बनाने के लिए उज्जैन आने वाले साधु संतों के सम्मान एवं आवभगत में रंचमात्र भी कमी न रहने पाए। मुख्यमंत्री स्वयं भी साधु संतों की चरण वन्दना एवं स्वागत करने हेतु उज्जैन पहुंचे परंतु अधिकारियों ने कर्मचारियों के भरासे सारी व्यवस्था छोडक़र अपनी जवाबदेही के प्रति जो निश्चिंतता दिखाई है वहीं साधु मंडलियों के आक्रोश और पीड़ा की असली वजह है।

नरेन्द्र गिरि ने साधुओं के पूर्व ही अधिकारियों द्वारा अमृत स्नान कर सनातन परंपरा के उल्लघन पर जो क्षोभ व्यक्त किया है उसका अधिकारियों पर कितना प्रभाव पड़ा है यह तो 9 मई को अक्षय तृतीया पर्व के दिन देखने को मिलेगा जब दूसरे शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा। परंतु साधुओं की समस्या केवल इतनी भर नहीं है कि उनके पूर्व अमृत स्नान की हड़बड़ी दिखाकर अफसरों ने सनातन परंपरा का उल्लंघन किया।

आचार्य संप्रदाय रामानुज पीठ इलाहबाद के करीब सौ साधु संतों ने सिंहस्थ के पहले शाही स्नान में शामिल होने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि सिंहस्थ के एक सप्ताह पूर्व यहां पहुंच जाने के बावजूद उनके लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था करने की ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं गया।

रामनुज पीठ के एक पदाधिकारी ने बताया कि उनके पंडाल के पास एक भी शौचालय नहीं है। अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने पर गड्ढे खोदकर शीट बिठा दी गई परन्तु दीवार व दरवाजे लगाने की जरूरत अधिकारियों ने महसूस नहीं की। सबसे मजेदार बात तो यह है कि पानी के लिए 12 नल भी लगा दिए गए परन्तु अफसर उन्हें लाइन से जोडऩा भूल गए।

अब सवाल यह उठता है कि जब सिंहस्थ में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का उज्जैन पहुंचना प्रारंभ हो चुका है तब सरकारी स्तर पर इन व्यवस्थागत खामियों का खामियाजा कौन भुगतेगा और उसकी जवाबदेही किसके कंधों पर डाली जाएगी। आचार्य नरेन्द्र गिरि ने पत्रकार वार्ता में कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण सुझाव दिए है जिन पर अमल करके श्रद्धालुओं की कठिनाईयों को दूर किया जा सकता है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष चाहते है कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात पुलिस अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के मन में तो भय पैदा करे परन्तु श्रद्धालुजनों के लिए मददगार साबित हो। उनका कहना है कि जो अपंग और लाचार श्रद्धालुजन क्षिप्रा में स्नान कर पुण्य लाभ लेना चाहते है उन्हें पुलिस के कर्मचारियों को बाइक पर बिठाकर घाट तक लाना चाहिए और उन्हें स्नान की सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए।

सिंहस्थ में यद्यपि श्रद्धालुओं के लिए पेयजल सुलभ कराने के लिए भरपूर सुविधाओं की उपलबधता का दावा प्रशासन ने किया है परंतु जिला अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के लिए भर्ती साुध संतों का हालचाल जानने जब प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह वहां पहुंचे तो बिहार के संत विजयदास ने उनसे शिकायत की कि अस्पताल में पीने के लिए शुद्ध जल उपलब्ध नहीं है। अपनी निगरानी में हुई व्यवस्था में परिलक्षित इस खामी से भूपेन्द्र सिंह भी क्षुब्ध हो उठे और उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि सरकार आपको बजट दे रही है तो उसका उपयोग क्यों नहीं करते। अधिकारी ने बताया कि कन्टेनर से पानी आ रहा है। प्रभारी मंत्री को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हरव्यास महानिर्वाणी अखाड़े के जानकीदास ने बताया कि वे 8 दिन से अस्पताल में भर्ती है परंतु उनकी ठीक से देखभाल नहीं हो रही है।

मध्यप्रदेश सरकार ने सिंहस्थ की गरिमा, महिमा और भव्यता में भी वृद्धि करने हेतु जिन साधु संतों को ससम्मान आमंत्रित कर उज्जैन में उन्हें संपूर्ण सुख सुविधाए उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया था उनमें से अनेक साधु संतों के पंडालों में चोरियों की वारदातें इस कदर बढ़ चुकी है कि साधु संतों के आक्रोश पर नियंत्रण कर पाना सरकार को मुश्किल पड़ रहा है। चोरी की वारदातों के साथ उनकी गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की घटनाएं भी घट रही है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन यह अनुमान लगाने में क्यों असफल रहा कि उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ पर्व में असामाजिक तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे।

साधुओं को असामाजिक तत्वों द्वारा जिस तरह से परेशान किया जा रहा है उससे वे कितने क्रुद्ध हो उठे है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साधुओं के एक समूह ने कुछ पुलिसकर्मियों को अपना कोपभाजन बना डाला। साधुओं का आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि पुलिस अपराधियों के साथ सख्ती से पेश नहीं आ रही है। महंत वासुदेवानंद एवं महंत रजनीशानन्द के पंडाल में हुई चोरियों का पता लगाने में पुलिस असफल रही है। महिला श्रद्धालुओं ने भी यह शिकायत की है कि स्नान के दौरान वस्त्र बदलने हेतु जो चेंजिग रूम बनाए गए है उनमें दूसरे लोग पसरे देखे जा सकते है। ऐसे में महिलाओं को वस्त्र बदलने में भारी दिक्कत पेश आ रही है।

kumbh-diary

उज्जैन में अपने पूरी भव्यता के साथ संपन्न हो रहे इस को अनूठा स्वरूप प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई माह पहले से ही युद्ध स्तर पर इसकी तैयारियों एवं अधिकारियों को अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सरकार ने सिंहस्थ की तैयारियों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की राशि भी आवंटित कर दी थी। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंहस्थ की तैयारियों का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने हेतु एकाधिक बार उज्जैन का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा भी की थी परंतु एक माह तक चलने वाले सिंहस्थ पर्व के प्रारंभिक चरण में ही जो अप्रिय घटनाएं घट चुकी है वे निश्चित रूप से सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए काफी है।

इस महापर्व में सारे देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुजनों की भागीदारी तय है। सरकार को जिन व्यवस्थागत खामियों की जानकारी मिल चुकी है उनसे सरकार की आंखें खुल चुकी है और उसे अब यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बाकी बचे दो शाही स्नानों में अधिकारी उनके अमृत स्नान के दौरान ऐसी व्यवस्था करें कि साधुओं को अपनी उपेक्षा महसूस न हो। सिंहस्थ की अपूर्व भव्यता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी ध्यान आकर्षित किया है और उन्होंने सिंहस्थ की विविधता की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एक फोटो प्रतियोगिता के आयोजन का सुझाव दिया है। निसंदेह प्रधानमंत्री का सुझाव सराहनीय है जिसके लिए वे साधुवाद के हकदार है। फोटो के माध्यम से सिंहस्थ की अनूठी यादे संजोने के लिए मध्यप्रदेश सरकार को प्रधानमंत्री के इस सुझाव पर अमल जल्द ही करना चाहिए।
krishn mohna jhaकृष्णमोहन झा
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...