34.6 C
Indore
Friday, April 26, 2024

चंडीगढ़ को पहचान देता ‘सूफ़ी आस्तान-ए-रामदरबार’

1947 में हुए भारत-पाक विभाजन के पश्चात् पंजाब के पश्चिमी हिस्से के पाकिस्तान में चले जाने तथा पश्चिमी पंजाब से पूर्वी पंजाब अर्थात भारत की तरफ़ आने वाले हिंदू व सिख समुदाय के लोगों को पुनर्स्थापित करने हेतु निर्मित किये गए शहर चंडीगढ़ के निर्माण का स्वप्न देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देखा था। 1960 में निर्मित हुए इस अनूठे शहर को लाहौर की कमी पूरी करने वाले शहर के उद्देश्य से बसाया गया था। 1 नवंबर 1966 को इस ख़ूबसूरत नगर चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा हासिल हुआ तथा इसकी प्रशासनिक व्यवस्था सीधे केंद्र सरकार के हाथों में चली गई। चंडीगढ़ के निर्माण के समय आज की नगर की प्रसिद्ध सुखना झील के स्थान से ही मिट्टी खोदी गयी थी इसीलिए उस क्षेत्र ने विशाल झील का रूप धारण कर लिया। सरकार ने भी इस विशाल गड्ढे को एक सुन्दर,सुसज्जित झील के रूप में उसका रखरखाव कर इसे शहर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना दिया। इसी सुखना झील के साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने वाली दूसरी जगह रॉक गार्डन के नाम से प्रसिद्ध है। इन दो स्थानों के अतरिक्त और कोई भी तीसरी पहचान चंडीगढ़ को अब तक नहीं मिल सकी थी।

परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि यह धारणा भी शीघ्र ही टूटने वाली है। चंडीगढ़ को सर्वधर्म समभाव के विशाल केंद्र के रूप में एक ऐसा पवित्र,सुन्दर,आकर्षक और ‘विशाल भवन’ मिलने जा रहा है जो निश्चित रूप से भविष्य में चंडीगढ़ की पहली पहचान के रूप में जाना जाएगा। माता राम बाई ट्रस्ट के अधीन निर्मित होने वाले इस ‘आस्तान-ए-रामदरबार’ की संग-ए-बुनियाद माता रामबाई उर्फ़ अम्मी हुज़ूर के द्वारा अपने मुर्शिद मशहूर सूफ़ी संत जन्नत नशीन हज़रत मोहम्मद शाह साहब के पवित्र हाथों से रखवाई गई थी। लगभग 6 दशक पूर्व इस सूफ़ी आस्ताने की स्थापना की गई। लगभग चार दशकों तक यह स्थान सर्वधर्म समभाव के केंद्र के रूप में केवल चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा। देश का शायद ही कोई ऐसा प्रसिद्ध क़व्वाल हो जिसने इस आस्ताने पर अपनी हाज़िरी न लगाई हो। एक समय ऐसा भी था जबकि फ़िल्म जगत की अनेक प्रसिद्ध हस्तियां भी इस स्थान तथा यहाँ के सर्वधर्म समभाव के मूल उद्देश्यों से अत्यंत प्रभावित थीं। ख़ासतौर पर प्राण जैसे अभिनेता तो इतना प्रभावित थे कि वे प्रायः रामदरबार आते रहते तथा क़व्वालियाँ सुनते थे। आज भी प्राण द्वारा अम्मी हुज़ूर को भेंट की गयी फ़ी एट कार दरबार में सुरक्षित है तथा फ़िल्म जगत के दरबार से संबंधों व उनकी आस्था की गवाह बानी हुई है।देश के सुप्रसिद्ध आई ए एस अधिकारी टी एन चतुर्वेदी जी जिनका अभी कुछ दिन पूर्व ही देहावसान हुआ वे भी दरबार के पराम् भक्त थे। संक्षेप यह कि प्रत्येक वह व्यक्ति जो धर्म के ऊपर मानवता को तरजीह देता था वह आस्तान-ए-रामदरबार का मुरीद था।

1980 के दशक में ही अम्मी हुज़ूर ने अपनी गहन दूरदर्शिता का परिचय देते हुए बलाचौर(पंजाब) से संबंध रखने वाले युवा एम पी सिंह को जोकि एक संपन्न किसान सिख सैनी परिवार के सदस्य थे, को गोद ले लिया था। अम्मी हुज़ूर ने ही बाद में एम पी सिंह को आस्तान-ए-राम दरबार का गद्दी नशीन नियुक्त किया और उन्हें ‘शाहज़ादा पप्पू सरकार ‘ जैसे लोकप्रिय नाम व लक़ब से नवाज़ा। ‘शाहज़ादा पप्पू सरकार ‘की नियुक्ति की संस्तुति हज़रत मोहम्मद शाह साहब के आस्ताने (बाई चक,पाकिस्तान) से भी एक हुक्म नामा जारी कर के की गयी। अम्मी हुज़ूर के जन्नत नशीन होने के बाद लगभग दो दशक तक यही दरबार अपनी आभा व आकर्षण को उस समय खोने लगा था जबकि नव नियुक्त गद्दी नशीन शहज़ादा पप्पू सरकार अपने व्यवसाय के सिलसिले में अमेरिका तशरीफ़ ले गए। उस समय कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा इस पवित्र स्थान की महत्ता को बरक़रार रखने के बजाए इसे नुक़सान पहुँचाने की कोशिश की जाने लगी। उधर लगभग दो दशकों तक अमेरिका में स्वयं को स्थापित करने के बाद एक बार फिर गद्दी के वारिस शहज़ादा पप्पू सरकार ने अपने मुर्शिद के आस्ताने का रुख़ किया। इस बार उन्होंने संकल्प लिया की जिस उम्मीद,भरोसे तथा विश्वास के साथ उन्हें अम्मी हुज़ूर ने गद्दी नशीनी जैसी बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है और हज़रत मोहम्मद शाह साहब के आस्ताने (बाई चक,पाकिस्तान) से जिन तमन्नाओं के साथ उनके हक़ में हुक्मनामा जारी कर उनके गद्दी नशीन होने की पुष्टि की गयी है उन भावनाओं व उम्मीदों का निश्चित रूप से पालन किया जाना चाहिए।

इसी हौसले के साथ वर्तमान गद्दीनशीन शहज़ादा पप्पू सरकार इस आस्ताने के नवनिर्माण में तन मन धन से लग गए। 8 वर्ष पूर्व जिस समय इस आस्ताने का नवनिर्माण कार्य शुरू हुआ उस समय लगभग 8 करोड़ की लागत का अनुमान लगाया गया था जो कि अब समय व आवश्यकता के अनुसार 20 करोड़ के बजट को भी पार कर चुका है। निःसंदेह इसके निर्माण में दरबार के और भी कई शुभचिंतकों का यथासंभव योगदान है। परन्तु अपने पीर–ो-मुर्शिद व स्वयं अपने सपनों के इस आस्ताने की कल्पना व्यक्तिगत रूप से अकेले शहज़ादा पप्पू सरकार ने ही की थी। मेरे विचार से पप्पू सरकार देश की किसी भी धार्मिक गद्दी के अकेले, पहले और आख़िरी गद्दी नशीन हैं जो अपने निजी व्यवसाय की करोड़ों रुपए की कमाई से अपने गुरु व मुर्शिद के सपनों को साकार कर रहे हैं। आस्तान-ए-रामदरबार उन प्राचीन फ़क़ीरी आस्ताने की भी याद ताज़ा करता है जो अपनी पारम्परिक रिवायतें बरक़रार रखते थे। इसीलिये यहाँ गाय,भैंस,घोड़े आदि सभी जानवरों के पालने व उनके रख रखाव का माक़ूल प्रबंध है। यहाँ के प्रत्येक सेवादार को समान रूप से मान सम्मान दिया जाता है। यहां किसी से किसी का धर्म या जाति नहीं पूछी जाती है न ही किसी को उसके धर्म या जाति के मुताबिक़ कम या ज़्यादा महत्व दिया जाता है। यहाँ के भक्तजनों को हिन्दू मुस्लिम सिख या ईसाई बनने के बजाए एक नेक इंसान बनने की सीख दी जाती है। यहां अंधविश्वास व पाखण्ड से धर्म को जोड़ने की मुख़ालिफ़त की जाती है।यहाँ किसी व्यक्ति के खान-पान, लिबास या रहन सहन अथवा ईश्वर की आराधना के भिन्न भिन्न तरीक़ों को उसके निजी जीवन का हिस्सा माना जाता है न की उसकी अच्छाई या बुराई का पैमाना।

यहाँ प्रत्येक वर्ष 14 से 20 जनवरी तक एक साप्ताहिक सर्वधर्म समागम तथा उर्स का आयोजन होता है जिसमें सभी धर्मों व विश्वासों के अनुयायी शिरकत करते हैं। इसमें भागवत पाठ,रामायण पाठ,शब्द कीर्तन,गुरु ग्रन्थ साहब का पाठ,क़व्वाली,नात,काफ़ी आदि का पूरे सप्ताह सिलसिला चलता है। यहाँ बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देने के उद्देश्य से शिक्षित भक्तजनों द्वारा कक्षाएं संचालित की जाती हैं। वर्ष भर यहाँ ज़रूरतमंदों के लिए शुद्ध लंगर चलाया जाता है। यथा संभव ग़रीबों की मदद की जाती है। मिलावटख़ोरी के इस दौर में दरबार के व्यवस्थापकों का यह प्रयास होता है कि दरबार में लंगर ग्रहण करने वाले भक्तों को दरबार की ही उपजी हुई खान पान की शुद्ध सामग्री परोसी जाए। पूरे चंडीगढ़ व आस पास के क्षेत्र में अब तक इस आस्ताने की पहचान अखंड लंगर वाले,लस्सी वितरित करने वाले तथा क़व्वाली का निरंतर आयोजन करने वाले आस्ताने के रूप में बनी हुई है। परन्तु शहज़ादा पप्पू सरकार की सरपरस्ती व उनकी पवित्र गद्दीनशीनी के दौर में यही स्थान अब शिक्षा दान के क्षेत्र में तथा चंडीगढ़ को पहचान देने वाले विशाल एवं भव्य भवन, ‘सूफ़ी आस्तान-ए-रामदरबार’ के रूप में भी अपनी पहचान विकसित करेगा।

:-निर्मल रानी

Nirmal Rani (Writer)
phone-09729229728

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...