अंकारा : तुर्की में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के तख्तापलट की बड़ी साजिश नाकाम हो गई है। छह घंटे चले तमाशे के बाद सेना के उस गुट ने सरेंडर कर दिया है, जिसने तख्तापलट की कोशिश की थी। हालांकि अभी भी तुर्की के संपर्क बाकी दुनिया से कटा है। सारे एयरपोर्ट बंद हैं। अब तक कुल 42 की मौत हुई है। पुलिस ने 130 लोगों को गिरफ्तार किया है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने इस्तांबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस तख्तालपट को देशद्रोही करार दिया है। एर्दोगान ने इसे गुलानी समर्थकों की साजिश बताया और कहा कि देश को इस स्थिति में डालने वालों को भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कोई भी ताकत राष्ट्रीय इच्छाशक्ति से ऊपर नहीं है।
वहीं तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदीरीम ने कहा “कुछ लोगों ने अवैध रूप से तख्तापलट की एक अवैध कार्रवाई का प्रयास किया है। लोकतंत्र में रोड़ा डालने वाले ऐसे किसी कदम की इजाजत नहीं दी जाएगी। लोगों द्वारा चुनी गई सरकार अब भी सत्ता में है। यह सरकार तभी जाएगी जब जनता अपना निर्णय सुनाएगी।” उन्होंने कहा कि सेना द्वारा इस तरह की कार्रवाई गैर कानूनी है लेकिन यह तख्तापलट नहीं था।
पीएम यिलदीरीम ने टीवी चैनल एनटीवी को फोन पर जानकारी देते हुए बताया, “हम एक प्रयास करने की संभावना पर काम कर रहे हैं, हम इस प्रयास को अनुमति नहीं देंगे। जो लोग इस अवैध कार्य कर रहे हैं उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।”
तुर्की में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के तख्तापलट की बड़ी साजिश छह घंटे चले तमाशे के बाद नाकाम हो गई है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने इस्तांबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस तख्तालपट की कोशिश को मुस्लिक मौलवी फतेउल्लाह गुलेन के समर्थकों की साजिश करार दिया। जानिये
फिलहाल यह पेन्सलवेनिया में निर्वासित जीवन जी रहा है। वह एक प्रशिक्षित इमाम है। वह 50 साल पहले तुर्की में उस वक्त चर्चा में आया था, जब उसने इस्लाम के रहस्यमयी रूप दर्शन के साथ लोकतंत्र, विज्ञान, शिक्षा को बढ़ावा देना शुरू किया था।
उसके समर्थकों ने 100 से अधिक देशों में 1000 स्कूलों को शुरू किया। इनमें से 150 से अधिक स्कूल्स अमेरिका और तुर्की में करदाताओं के पैसों से चल रहे हैं। इसके अलावा वह यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, चैरिटी, एक बैंक और बड़े पैमाने पर मीडिया अंपायर चला रहा है, जिसमें अखबार, रेडियो और टीवी चैनल शामिल हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप तेयेप एर्दोगान लंबे समय से गुलेन पर आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि वह न्सलवेनिया के पोकोनो माउंटेन में 26 एकड़ के कपांउड में बैकठकर आधिकारिक रूप से चुनी गई तुर्की की धर्मनिरपेक्ष सरकार को उखाड़ फेंकने की योजना बना रहा है।