चुनावी हलफनामे में बेटी होने की बात छिपाई, 5 दिन बाद हाईकोर्ट में सुनवाई
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक और बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। खान पर आरोप है कि उन्होंने इलेक्शन एफिडेविट में सिर्फ दो बेटे होने की जानकारी दी, लेकिन इलेक्शन कमीशन को अमेरिका में एक बेटी होने की बात नहीं बताई। इस मामले में एक पिटिशन इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
दो हफ्ते पहले दायर की गई पिटिशन में मांग की गई थी कि झूठा हलफनामा देने के मामले में इमरान को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया जाए। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, इमरान और इलेक्शन कमीशन को नोटिस भेजकर इस पर जवाब मांगा था। बुधवार शाम हाईकोर्ट ने कहा- इमरान के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। हम इस पिटिशन पर 20 दिसंबर से सुनवाई करेंगे।
पिटीशन में क्या आरोप
मामला कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी सुनवाई इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आमिर फारुख ने खुद अपने हाथ में रखी है। पिटिशन सोशल एक्टिविस्ट साजिद महमूद ने दायर की है।
पिटिशन के मुताबिक- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान ने एफिडेविट में कहा था कि उनके दो बेटे हैं। इनके नाम कासिम और सुलेमान खान हैं। दोनों ब्रिटेन में खान की तलाकशुदा पत्नी जेमिमा के साथ रहते हैं। इमरान ने अमेरिका में रहने वाली 28 साल की टैरिन व्हाइट का नाम क्यों नहीं दिया। अमेरिकी और ब्रिटिश अदालतों में साबित हो चुका है कि टैरिन की मां सीटा व्हाइट और इमरान का अफेयर था। इसी से टैरिन का जन्म हुआ।
पिटिशन में कहा गया- इमरान ही टैरिन के पिता हैं और इसके तमाम सबूत मौजूद हैं। इसका मतलब यह है कि खान ने संविधान के अनुच्छेद 62 का उल्लंघन किया और झूठा हलफनामा दिया। लिहाजा, उन्हें फ्यूचर में किसी भी इलेक्शन लड़ने से रोका जाए। इस्लाम के मुताबिक, किसी भी उम्मीदवार का सादिक और अमीन (सच्चा और ईमानदार) होना जरूरी है।
अमेरिका में हैं टैरिन
टैरिन फिलहाल 28 साल की हो चुकी हैं और अमेरिका में रहती हैं। उनकी मां का नाम सीटा व्हाइट है। खान टैरिन के लिए लगातार पैसा भी भेजते हैं और इसके सबूत मौजूद हैं।
यह तस्वीर इमरान के तीनों बच्चों की है। बेटों यानी सुलेमान और कासिम को तो खान ने अपना नाम दिया, लेकिन बेटी टैरिन से पल्ला झाड़ते रहे।
होम मिनिस्टर बोले- पिटिशन में लगाए गए आरोप सही
इमरान पर लगे आरोप पर देश के होम मिनिस्टर राना सनाउल्लाह ने भी रिएक्शन दिया। राना ने मीडिया से कहा- इसमें कोई दो राय नहीं कि टैरिन व्हाइट इमरान खान की ही बेटी हैं। हमारे पास भी इसके कई पुख्ता सबूत मौजूद हैं। कई साल तक खान ने टैरिन के पिता होने से इनकार किया, लेकिन इसके मेडिकल और साइंटिफिक एविडेंस मौजूद हैं और इमरान जितना झूठ बोलेंगे, उतना ही फंसते जाएंगे।
राना ने आगे कहा- अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य का हाईकोर्ट खान को टैरिन का पिता बता चुका है। ब्रिटेन की अदालत ने भी यही फैसला दिया। खान की पहली पत्नी जैमिमा खुद टैरिन को सौतेली बेटी कहती हैं। हाईकोर्ट ने हमें जो नोटिस जारी किया है, उसका जवाब तफ्सील से दिया जाएगा और इसमें तमाम सबूतों का हवाला भी दिया जाएगा। खान का रवैया बेहद गैरजिम्मेदाराना है।
इमरान की पहली पत्नी जैमिमा के साथ टैरिन व्हाइट। जैमिमा टैरिन को अपनी सौतेली बेटी बताती हैं। दोनों की यह तस्वीर पिछले साल की है।
अमेरिकी कोर्ट के ऑर्डर से फंसे खान
13 अगस्त 1997 को कैलिफोर्निया हाईकोर्ट के जस्टिस एंथोनी जोन्स ने इमरान को टैरिन का पिता घोषित किया था। जस्टिस जोन्स ने फैसले में कहा था- तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स और जांच से यह साफ है कि इमरान ही टैरिन व्हाइट के पिता हैं। टैरिन की मां सीटा व्हाइट और खान के 1987-88 तक रिलेशन में थे। इमरान ने जांच में मदद करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने जांच के लिए ब्लड सैंपल भी नहीं दिया था। टैरिन इन दिनों वेबर्ली हिल्स में रहती हैं।
टैरिन का जन्म 15 जून 1992 को हुआ था। सीटा के वकील ने अमेरिकी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था- खान ने टैरिन से कभी बातचीत नहीं की। हालांकि, वो टैरिन की मां सीटा के संपर्क में रहे। 2004 में सीटा व्हाइट की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। इसके पहले सीटा ने अमेरिकी कोर्ट में इमरान के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था।
सुनवाई के दौरान इमरान के वकील ने कहा- 1992 से पहले मेरा मुवक्किल एक्टिव क्रिकेटर था। वो कई देशों में घूमे। नाइट क्लब्स और पब्स में जाते थे। क्रिकेट से रिटायर होने के बाद वो कट्टर मजहबी हो गए।
1995 में ब्रिटिश अखबार ‘न्यूज ऑफ द वर्ल्ड’ ने मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर साफ कर दिया था कि टैरिन के पिता इमरान खान ही हैं। बाद में कोर्ट ने भी यही कहा।
नवाज शरीफ भी ऐसे ही हुए थे अयोग्य
पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 62 (1) के मुताबिक- इलेक्शन कमिशन को दिए एफिडेविट में कोई गलत जानकारी नहीं होनी चाहिए। अगर जीतने के बाद किसी कैंडिडेट पर गलत जानकारी देने के आरोप साबित हो जाते हैं तो उसे ‘डिस्क्वॉलिफाई फॉर फाइटिंग इलेक्शन’ यानी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया जाता है। 28 जुलाई 2017 को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इसी आर्टिकल के तहत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया था। उनके खिलाफ पनामा पेपर केस में झूठा हलफनामा देने के आरोप थे।
इमरान के खिलाफ फॉरेन फंडिंग केस भी चल रहा है। उन पर आरोप है कि कैंसर हॉस्पिटल के नाम पर उन्होंने पैसा लिया और इसका इस्तेमाल पार्टी के कामों पर किया।
तोशाखान केस में भी मुश्किलें बढ़ीं
इमरान खान दूसरे देशों से मिले महंगे तोहफे करोड़ों रुपए में बेचने के मामले में फंस गए हैं। खासतौर से सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) से मिली डायमंड रिस्ट वॉच और गिफ्ट सेट बेचने के मामले में इमरान के खिलाफ पुख्ता सबूत सामने आ रहे हैं। खान तमाम आरोपों से इनकार कर ही रहे थे कि उनकी पत्नी और दोस्त का ऑडियो वायरल हो गया।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान की पत्नी बुशरा बीबी और दोस्त जुल्फी बुखारी का ऑडियो इस बात का सबूत है कि इमरान के कहने पर ही बुशरा ने जुल्फी से संपर्क किया और उन्हें घड़ियां बिकवाने को कहा। जुल्फी इमरान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उनके बड़े राजदार माने जाते हैं।