गर्मियां लगाएंगी जेब में आग, इन कंपनियों के फ्रिज हो सकते हैं महंगे!
अगर आप नया फ्रिज लेने का प्लान कर रहे हैं, तो अभी सोच सकते हैं. इसकी वजह ये है कि आने वाली गर्मियों में इसकी ज्यादा कीमत आपकी जेब में महंगाई की आग को धधका सकती है. पढ़ें ये खबर…
अगर लेना चाहते हैं नया फ्रिज, तो जल्दी करें, हो सकता है आने वाली गर्मियों तक इनके दाम बढ़ जाएं. इसकी वजह रेफ्रिजरेटर्स की ‘स्टार रेटिंग’ के नियमों में होने वाला बदलाव है. जी हां, बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने एक जनवरी से स्टार रेटिंग के संशोधित नियम लागू कर दिए हैं.
नियमों में इन बदलाव के चलते आने रेफ्रिजरेटर की कीमतें 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं. यानी 10,000 रुपये का फ्रिज आने वाले समय में 10,500 रुपये का हो सकता है.
क्या बदला है ‘स्टार रेटिंग’ में ?
बीईई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की एनर्जी एफिशिएंसी यानी बिजली खपत को देखते हुए स्टार रेटिंग देता है. 5-स्टार रेटिंग का मतलब सबसे कम खपत करने वाला डिवाइस होता है. अब बीईई ने इसकी लेबलिंग प्रक्रिया को पहले से सख्त बना दिया है.
वहीं फ्रॉस्ट फ्री मॉडल के रेफ्रिजरेटर में फ्रीजर और रेफ्रिजरेटर प्रॉविजनिंग यूनिट्स के लिए अलग-अलग स्टार लेबलिंग अनिवार्य बना दी है. इसमें एनर्जी एफिशिएंसी के साथ-साथ स्टोरेज कैपेसिटी भी अलग दिखानी होगी. इससे कुछ कंपनियों के फ्रिज महंगा होना पक्का है.
इन कंपनियों के फ्रिज होंगे महंगे?
बीईई के इन नियमों में परिवर्तन के बाद गोदरेज एंप्लायंस, हायर और पैनासॉनिक जैसी होम एप्लायंसेस कंपनियों ने आने वाले दिनों में फ्रिज की कीमत 2 से 5 प्रतिशत तक बढ़ाने के संकेत दिए हैं.
पीटीआई की एक खबर के मुताबिक गोदरेज अप्लाइंसेस के बिजनेस हेड और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट कमल नंदी का कहना है कि स्टार रेटिंग के नए नियमों के हिसाब से हमें फ्रिज यूनिट और उसके अंदर के फ्रीजर यूनिट की अलग-अलग लेबलिंग करनी होगी. ऐसे में एनर्जी एफिशिएंसी नियमों को लागू करने पर कंपनी की कुछ लागत बढ़ती ही है. इसलिए फ्रिज के दाम 2 से 3 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. यह अलग-अलग मॉडल तथा स्टार रेटिंग पर निर्भर करता है.
पता चलेगा आएगा कितना सामान
देश में अभी जो स्टार रेटिंग सिस्टम है, उसके हिसाब से रेफ्रिजरेट यूनिट की सिंगल रेटिंग होती है. इतना ही नहीं इसमें सामान भरे जाने की लीटर रेटिंग भी एक ही होती है, जिसे अब फ्रीजर और बाकी फ्रिज के पार्ट के तौर पर अलग-अलग दिखाना होगा.
कमल नंदी ने समझाया कि उदारहण के लिए, दरवाजे और शेल्फ के बीच में जो जगह होती है उसका उपयोग नहीं किया जा सकता इसलिए इसे नहीं गिना जाना चाहिए. इससे ग्राहक को रेफ्रिजरेटर खरीदते वक्त सही फैसला लेने में मदद मिलेगी क्योंकि उन्हें पता चल पाएगा कि सामान रखने के लिए वास्तव में उन्हें कितनी जगह मिलेगी.
हायर अप्लाइंसेस इंडिया के प्रेसिडेंट सतीश एनएस ने कहा कि इन नए नियमों के बाद कुछ रेफ्रिजरेटर्स में कंप्रेसर फिर से लगाने या बदलने पड़ेंगे. इससे निश्चित तौर पर दाम 2 से 4 फीसदी बढ़ सकते हैं. इसका बोझ ग्राहकों पर आएगा. वहीं पैनासॉनिक मार्केटिंग इंडिया के प्रबंध निदेशक फुमियासू फुजीमोरी ने कहा कि बीईई के संशोधित नियमों के प्रभाव में आने पर रेफ्रिजरेटर के दाम 5 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. कंपनी कॉस्ट बढ़ने का अधिकतर बोझ खुद लेने की कोशिश करेगी.