बाड़मेर [ TNN ] देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिक्षक दिवस पर स्कूली छात्रों को दिए भाषण से बाड़मेर जैसलमेर के मदरसों में पढ़ने वाले करीब तीस बच्चों को जिला प्रशासन की लापरवाही से वंचित रहना पड़ा ,शिक्षा विभाग के अधिकारियो ने पल्ला झड़ते हुए कहा की हमें विद्यालयों के छात्रों को ही भाषण सुनाने और दिखने के आदेश थे मदरसो के नहीं।
शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर के विद्यालयी बच्चो के सम्बोधन से मदरसो में पढने वाले तीस हज़ार बच्चो को वंचित रखा गया। इसमे शिक्षाविभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आई। नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनाने और दिखने के लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में हर तरह का इंतज़ाम किया ।
इन सरहदी जिलो में करीब सात सौ मदरसे शिक्षा विभाग से पंजीकृत हैं । जिन्हे सरकारी योजना में पोषाहार और उर्दू शिक्षको का लाभ दिया जा रहा हैं ,मगर इन मदरसा शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा मदरसों को नरेंद्र मोदी का भाषण दिखने और सुनाने की व्यवस्था के कहा गया ।
जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भक्त सफी खान तामलिया को यह पता चला तो उन्होंने तामलियर मदरसे में बच्चो को अपने एंड्रॉयड मोबाइल से नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाया ,जबकि शेष किसी भी मदरसे में प्रधानमंत्री का भाषण नहीं दिखाया ,मदरसा संचालको का आरोप हे की उन्हें इस कार्यक्रम की शिक्षा विभाग और जिला प्रशन द्वारा सूचना या आदेश नहीं दिया ,नहीं कार्यक्रम की कोई जानकारी मिली ।
इधर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की हमें सिर्फ विद्यालयों में प्रधानमंत्री के भाषण को दिखने और सुनाने की व्यव्श्था करने को कहा गया था ,इसमे मदरसो को शामिल नहीं किया गया था। इधर जिला प्रशासन के इस रवैये से मुस्लिम समाज में गहरा रोष व्याप्त हैं।
तामलियर के सफी खान सम्मा ने बताया की शिक्षा विभाग द्वारा किसी भी मदरसे को इस कार्यक्रम की सूचना नहीं दी गयी ,आज सुबह वॉटसअप पर इस कार्यक्रम की मुझे किसी मित्र द्वारा जानकारी दी गयी तब मदरसे में जाकर मैंने मोबाइल से बच्चो को नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाया और सुनाया ,जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग का यह रैवया गलत परंपरा का द्योतक हैं। शनिवार को मदरसा संचालक और मुस्लिम समाज के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को देंगे ।
रिपोर्ट -चंदन भाटी