मानव हथेली में अकस्मात दुर्घटना योग के लक्षण निम्नानुसार है।
– जीवन रेखा पर बिन्दु हो और उसी स्थान से एक रेखा शनि पर्वत को जाए, शनि पर्वत पर क्रॉस हो तो भंयकर दुर्घटना घटित होगी।
– जीवन रेखा से मिलकर नीचे की ओर जाने वाली रेखा के अंत में क्रॉस या नक्षत्र हो तो दुर्घटना से मृत्यु (भाग्य रेखा से जीवन रेखा कोशिका के समान जुड़ी हो तो दुर्घटना के बाद भी जीवन रक्षा होगी।
– यदि हुक की भांति मुड़ी हुई कोई रेखा कनिष्का अगली के नीचे से प्रारंभ होकर ह्दय रेखा से मिल जाये तो दुर्घटना से पैर में चोट व अपंगता।
– जीवन रेखा टूटी हो और टूटा हुआ हिस्सा हुक की भांति शुक्र पर मुड़ जाए तो भयंकर दुर्घटना से मृत्यु (जीवन रेखा के आरंभ में दुर्भाग्यपूर्ण लक्षण बचपन में दुर्घटना दर्शाता है)
– मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत पर समाप्त हो या टूटी हो, साथ ही नक्षत्र का चिन्ह हो तो सिर में चोट लगने से मृत्यु व मानसिक विकृति होगी, अगर ह्दय रेखा पर समाप्त हो तो दुर्घटना से बचाव संभावित।
– चंद्र पर्वत पर नक्षत्र द्वीप क्रॉस कोण हो तो जल से डूबने का खतरा, अगर मस्तिष्क रेखा झुककर चंद्र क्षेत्र में आये तो उत्तेजित व दोषपूर्ण… अवस्था में जल व सड़क दुर्घटना।
– मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा, ह्दय रेखा टूटी हो साथ ही निम्न मंगल का क्षेत्र अत्याधिक विकसित हो तो वाहन दुर्घटना की संभावना।
– ह्दय रेखा टूटी या छोटी हो व गुरू पर्वत से प्रारंभ होकर थोड़ी दूर चलकर रूक जाए तो भावनात्मक आघात या दुर्घटना की संभावना।
-जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा व ह्दय रेखा आपस में एक स्थान पर जुड़ी हुई तो व दोषपूर्ण हो तो शारीरिक दुर्घटना संभावित।
– सूर्य रेखा व भाग्य रेखा दोषपूर्ण व लहरदार हो, जीवन रेखा पर दो क्रॉस हो तो उस आयु में दुर्घटना घटित होगी।