पटना [ TNN ] किसी समय देश की रक्षा के लिये बिहार में बंदूके बनाने वाले कारीगर अब देश के दुश्मन आतंकियों को हथियार बनाकर दे रहे हैं। मुंगेर में बनी पिस्तौल सटीक मार के लिए शुरू से ही जानी जाती रही है।
‘मेड इन मुंगेर‘ पिस्तौल अवैध रूप से संचालित कारखानों में तैयार किया जाता है। वैसे तो मुंगेर में अन्य अवैध हथियार भी तैयार होते हैं लेकिन आतंकियों को यहां के पिस्तौल विशेष रूप से पसंद आने लगे है।
इस पिस्तौल की खासियत यह है कि इसे सधे हुए हाथों से तैयार किया जाता है। ये वहीं कारीगर हैं जो पहले कभी देश की रक्षा के लिए मुंगेर बंदूक कारखाना में काम किया करते थें। कारखाना में कर्मचारियों की छंटनी के बाद पेट की आग बुझाने के लिए अब वहीं कारीगर देश के दुश्मनों को हथियार बनाकर आपूर्ति कर रहे है।
पिछले वर्ष पटना के गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट की घटना के बाद बिहार में गठित आतंकवाद निरोधक दस्ता ने मुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना के मिर्जापुर वर्धा गांव से तीन हथियार आपूर्तिकर्ताओं को जब गिरफ्तार किया तब यह मामला प्रकाश में आया।
मुंगेर के मोहम्मद जमशेर आलम उर्फ मो. जमशेद ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को एक वर्ष में पिस्तौल की दो खेप भेजी थी।
मुंगेर के बने पिस्तौल की खेप आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू एरिया कमांडर रवेश उल इस्लाम को कश्मीर के पुलवामा में नवम्बर 2013 को पहली बार तथा इस वर्ष के मई माह में दूसरी बार भेजी गयी थी।
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में कथित रूप से पनाह ले रखे आतंकियों को भी मुंगेर से पिस्टल की आपूर्ति की गयी थी। एटीएस ने पिछले 13 अगस्त को जमशेद के साथ ही इस नेटवर्क से जुड़े जमालपुर निवासी सुरेन्द्र पासवान और उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का रहने वाला अरूण सिंह उर्फ निक्कू को गिरफ्तार किया था।
इनके पास से चार देशी पिस्तौल, 45 हजार रूपया और विभिन्न कंपनियों के कई सीम कार्ड बरामद किया गया था। इस संबंध में तीनों के अलावा कुछ अज्ञात के खिलाफ एटीएस थाना में मामला दर्ज किया गया। – एजेंसी