अजमेर [ TNN ]यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आव्हान् पर दिनांक 02.12.14 से 05.12.14 तक “दसवें द्विपक्षीय समझौते को शीघ्र व सम्मानजनक सम्पन्न करने की मांग को लेकर क्षेत्रवार हड़ताल बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे। दिनांक 02.12.2014 को दक्षिण क्षेत्र में सफलतम हड़ताल का आयोजन हुआ है तथा आज उत्तर क्षेत्र के राज्य जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश व राजस्थान के करीबन 2.5 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे और दिनांक 4 व 5 दिसम्बर, 2014 को क्रमशः पूर्वोत्तर एवं पश्चिम क्षेत्र के राज्यों में बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे पर 12 नवंबर को एक दिन की हड़ताल की थी जिससे देश भर की शाखाओं से चेक निपटान और निकासी जैसी सेवाएं प्रभावित हुई थीं।
यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन्स, इकाई-अजमेर के संयोजक रवि कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर क्षेत्र की सभी बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंकिंग गतिविधियां पूर्णतः ठप्प रहीं। अजमेर शहर की 80 शाखाओं में कार्य नहीं हुआ, समाशोधन गृह नहीं लगा जिससे करीबन 100 करोड़ रूपये के दस्तावेजों का आदान-प्रदान नहीं हुआ एवं सामान्य ग्राहक सेवा के प्रभावित होने से तकरीबन 50 करोड़ रूपये का व्यवसाय नहीं हुआ अर्थात् कुल 150 करोड़ रूपये का बैंकिंग व्यवसाय ठप्प रहा। हम इसके लिए जिम्मेवार नहीं हैं।
ऐसी स्थिति भारत सरकार व भारतीय बैंक संघ के अडि़यल रवैये के कारण उत्पन्न हुई है। बैंक कर्मी सदैव वेतन समझौते को संघर्ष व द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से हासिल करते आये हैं और अब भी करेंगे। हम अपनी मांग को हासिल करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। हमारी आज की हड़ताल से आमजन को जो असुविधा हुई है, उसके लिए हमें खेद है परन्तु यह हमारी विवषता है।
आज सुबह 10.15 बजे जिले के बैंककर्मी पंजाब नैशनल बैंक, कचहरी रोड शाखा के समक्ष एकत्र हुए और अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाकर आक्रोश व्यक्त किया। तत्पश्चात् प्रदर्शन सभा में परिवर्तित हुआ जिसे बैंककर्मियों के नेताओं साथी महेश गुप्ता, ब्रिजेश मिश्रा, कालू सिंह, अरविन्द मिश्रा, पी.सी. कुन्दारा, राजेश गर्ग, राजेन्द्र बंसल ने सम्बोधित किया। सभी ने एकमत से भारत सरकार को आगाह किया कि बैंक कर्मियों की जायज मांग “दसवां द्विपक्षीय वेतन समझौता शीघ्र व सम्मानजनक ढंग से सम्पादित करे“ अन्यथा हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को बाध्य होना पड़ेगा। -रिपोर्ट-सुमीत कलसी