पैरिस – शुक्रवार को पैरिस की सुपरमार्केट में हमले के दौरान लोगों की जान बचाने के लिए सुपरमार्केट में काम करने वाले माली के एक मुस्लिम युवक की खूब प्रशंसा हो रही है। उस युवक ने कोल्ड-स्टॉरेज रूम में छिपाकर कुछ कस्टमर्स की आतंकियों से जान बचाई।
इस युवक की पहचान माली के नागरिक लस्साना बाथिली के रूप में हुई है। वह मुस्लिम है। वह उसी सुपरमार्केट में काम करता है जहां शुक्रवार को दो आतंकी भाइयों ने लोगों को बंधक बना लिया था।
लसाना बाथिली का साहसिक कारनामा उस समय सामने आया जब शनिवार को फ्रांस की पुलिस घटना से संबंधित सुराग जुटाने में लगी थी।
एक फ्रेंच चैनल को दिए इंटरव्यू में बाथिली ने बताया कि जब बंदूकधारी आतंकवादी दुकान में घुस आए तो उन्होंने करीब 15 लोगों को बेसमेंट रूम में पहुंचा दिया। उसके बाद उन्होंने दुकान की सारी लाइटें ऑफ कर दीं।
घटना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘हम वहां बंद थे। मैंने उनलोगों से कहा शांति से रहो, किसी तरह का शोरगुल मत करो नहीं तो वह लोग हमारी आवाज सुन लेंगे और नीचे आकर हमलोगों को जान से मार देंगे।
बाद में बाथिली ने कमरा छोड़कर बाहर निकलने का फैसला किया और ऊपर की ओर जाने वाले एक एलिवेटर से बाहर निकलने की सोचा। उन्होंने अन्य लोगों को भी अपने साथ आने के लिए कहा लेकिन और लोग घबरा गए। उनको लगा कि यदि वे भागने का प्रयास करेंगे तो बंदूकधारी आतंकी उनकी आवाज सुन लेगा इसलिए उनलोगों ने छिपे ही रहने का फैसला किया।
जब बाथिली बच गया और बाहर निकला पुलिस ने गलती से उनको ही आतंकी समझ लिया। पुलिस ने उनको लेट जाने और अपना हाथ अपने सिर पर रख लेने को कहा। उन्होंने बताया कि मैं थोड़ा कन्फयूज हो गया क्योंकि मैंने सोचा भी नहीं था कि गलती से मैं ही आतंकी समझ लिया जाउंगा।
उसके बाद करीब डेढ़ घंटे तक बाथिली को हथकड़ी पहनाए रखा गया। इसी दौरान उनको पुलिस की मदद करने का मौका मिल गया। उन्होंने पुलिस को दुकान का नक्शा बताकर बंधकों को मुक्त कराने में मदद की। जब ऑपरेशन समाप्त हो गया तो लोग बाहर निकल आए। लोगों ने बाहर आते ही बाथिली का शुक्रिया अदा किया।
शनिवार को जैसे ही उनके बहादुरी भरे कारनामे की खबर फैली वैसे ही उनकी सोशल साइटों पर खूब प्रशंसा होने लगी। उनके इस कारनामे के लिए लोगों ने उसे फ्रांस के सर्वोच्च अवॉर्ड लिजन ऑफ ऑनर या फ्रांस की नागरिकता देने की मांग की है।