उन्नाव – जहरीली शराब से अब तक 36 मौत के बाद अब उन्नाव में 100 से ज्यादा लाशें गंगा में बहती मिली हैं। करीब 104 शवों के मिलने के बाद उन्नाव से लेकर राजधानी तक हडकंप मचा हुआ है। सफीपुर (उन्नाव) के परियर घाट पर गंगा तट के पास ठहरे पानी में ये लाशें लोगों को दिखाई दी।
100 से ज्यादा शव मिलने की सूचना पर कानपुर, उन्नाव और लखनऊ के पुलिस एवं प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे। शव मिलने की वजह से बदबू के चलते अफसर और फोरेंसिक एक्सपर्ट भी ज्यादा देर तक वहां खड़े नहीं रह सके।
पुलिस का कहना है कि शव महिला और पुरुषों दोनों के हैं। पुलिस का दावा है कि गरीबी के चलते अंतिम संस्कार नहीं कर पाने की वजह से इन शवों को नदी में प्रवाहित किया गया है। इनमें कुछ शव अधजले भी हैं।
बिठूर से उन्नाव की तरफ से गंगा के तट परियर घाट है। यहां परियर घाट केतट पर शवों का अंतिम संस्कार होता है। यहां गंगा तट के पास नदी में ठहरे पानी में मंगलवार की सुबह अचानक तमाम शव उतराने लगे। यह देख घाट में मौजूद लोगों में खलबली मच गई।
शव दिखने के बाद एक शख्स ने सफीपुर पुलिस को मोबाइल के जरिए पूरे मामले की जानकारी दी। चर्चा फैल गई कि पुलिस ने जहरीली शराब से मरे लोगों के शव को गुपचुप तरीके से गंगा में प्रवाहित कर दिया है।
कुछ देर बाद ही नदी और उसके आसपास 104 से ज्यादा शव मिलने की सूचना राजधानी लखनऊ पहुंची तो पुलिस और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
गृह विभाग और डीजीपी दफ्तर से कानपुर, उन्नाव और लखनऊ के पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों से पूरे मामले की जानकारी मांगी गई।
कानपुर जोन के आईजी आशुतोष पांडेय, एसपी उन्नाव और लखनऊ जोन और रेंज के पुलिस और प्रशासनिक अफसर लाव-लश्कर के साथ परियर घाट पहुंच गए।
आईजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि बिठूर में पीपे वाले पुल के आगे परियर गांव (शमशान घाट) है। घाट के तट पर प्रतिदिन 8 से 10 लोगों का अंतिम संस्कार होता है। यहां गंगा नदी से सटे नहर में पानी ठहरा हुआ है। नदी और उसके आसपास सूखे स्थान पर तमाम शव मिले हैं। इनमें हड्डियां, अधजले शव भी हैं।
आईजी ने बताया कि आकस्मिक और स्वाभिक मौत का शिकार हुए लोगों के परिजनों ने आर्थिक तंगी के चलते शवों को नदी में प्रवाहित किया है।
कुछ शवों पूरी तरह न जल पाने पर नदी में प्रवाहित किए गए हैं। शव काफी पुराने होने से उनमें बदबू आ रही है। आईजी के मुताबिक पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने पड़ताल के बाद सभी शवों को नदी के तट पर दफनाए जाने का फैसला लिया है।
देर शाम क्रेन के शवों के दफनाए जाने के लिए गड्ढा खोदने का काम शुरू कर दिया गया। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के निर्देश पर इन शवों को घाट के किनारे की गड्ढा खुदवा कर दफना दिया गया है।