ऊना – मां चिंतपूर्णी मंदिर न्यास के आयुक्त एवं जिलाधीश अभिषेक जैन ने मंदिर न्यास के 4 पुजारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि मंदिर न्यास की प्रबंधन समिति में उनकी अवैध नियुक्ति के कारण क्यों न उन्हें पद से हटा दिया जाए। उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
अभिषेक जैन ने बताया कि उच्च न्यायालय ने 23 अप्रैल, 2008 को सीडब्ल्यूपी नंबर 603/2003 के तहत आदेश पारित कर मंदिर संचालन के लिए प्रबंधन समिति के गठन के निर्देश जारी किए थे। इसकी अनुपालना में डीसी की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति गठित की गई थी और इसमें आठ सरकारी व सात गैर सरकारी सदस्य बनाए गए थे। उच्च न्यायालय ने कमेटी की जो संरचना बनाई थी, उसके पैरा नंबर एक (सब पैरा 4) के अनुसार चार टोल में से जो चार सदस्य पुजारियों के लेने थे, उसके लिए हर टोल से आवेदन आमंत्रित करने थे और इसके बाद प्रत्येक टोल के पुजारी आवेदकों में से, जिस पुजारी का चढ़ावे में ज्यादा हिस्सा बनता था, उन्हें नियुक्त करना था।
इस आदेश की अनुपालना में 2 सितंबर, 2011 को मंदिर प्रबंधन समिति में जो नियुक्तियां की गई थीं, उन्हें लेकर 10 लोगों का एक सामूहिक शिकायत पत्र मंदिर आयुक्त को प्राप्त हुआ था। इसमें कहा गया था कि ज्यादा अंशधारक पुजारियों को दरकिनार कर कम अंशधारक पुजारियों को समिति में रखा गया है। इस पर मंदिर न्यास आयुक्त ने एडीसी से जांच करवाई थी और इसमें उन पुजारियों को भी शामिल किया गया था। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट है कि ये नियुक्तियां कमेटी की संरचना को लेकर उच्च न्यायलय के दिशानिर्देशों के खिलाफ थीं। यह जांच रिपोर्ट मुख्य आयुक्त मंदिर न्यास एवं प्रधान सचिव भाषा, कला एवं संस्कृति को भेजी गई थी। उन्होंने इस संदर्भ में कानूनी राय लेने के बाद मां चिंतपूर्णी मंदिर न्यास आयुक्त ऊना को अधिकृत किया है कि संबंधित पुजारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर इस मामले में जांच की जाए।