जम्मू – जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी सरकार बनाने की कोशिश एक बार फिर खटाई में पड़ती नजर आ रही है। दोनों दलों के बीच चल रही वार्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आड़े आ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक पीडीपी की शर्तों पर संघ परिवार में मतभेद है। संघ ने सैद्धांतिक मसलों पर भाजपा को न झुकने की नसीहत भी दी है, जिससे पार्टी असमंजस में है। अफस्पा की एक साल में वापसी और अनुच्छेद 370 पर लिखित रूप में यथास्थिति को स्वीकार करने जैसे मुद्दे संघ परिवार पचा नहीं पा रहा है।
संघ की नसीहत के मद्देनजर भाजपा ने विवादास्पद मुद्दों को परे रखकर विकास के मुद्दे पर न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की पहल की थी लेकिन अब पीडीपी ने इस फार्मूले को खारिज कर दिया है।
पीडीपी सूत्रों के मुताबिक अफस्पा की एक साल में वापसी, अनुच्छेद 370 पर यथास्थिति, पाकिस्तान से वार्ता और हुर्रियत से अलग बातचीत जैसे मुद्दे किसी कीमत पर छोड़े नहीं जा सकते। वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को नागरिकता का भी पीडीपी विरोध कर रही है। इसके अलावा पीओके से तमाम बंदिशें हटाने की शर्त है।
दिल्ली में हार के बाद भाजपा आलाकमान जम्मू कश्मीर में जल्द सरकार गठन करना चाहता है। भाजपा का मानना है कि इससे देश भर के कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हो सकता है।
अगर किसी सूरत में भाजपा सरकार में शामिल नहीं होती है तो भाजपा को भारी नुकसान का खतरा है। लिहाजा भाजपा गठबंधन पर लचीला रुख अपना कर चल रही थी। पीडीपी को संतुष्ट करने के लिए पार्टी ने रोटेशनल सीएम का दावा भी छोड़ दिया था।