बाड़मेर – सात हजार पाकिस्तानी प्रवासी हिन्दुओं को भारत की स्थायी नागरिकता देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू कर दी गई है। ये सारे रिफ्यूजी की तरह राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में रह रहे हैं। अब भारत सरकार इन्हें स्थायी नागरिकता देगी या लंबे समय के लिए वीजा प्रदान करेगी। इसके लिए पहला कैंप सोमवार को बाड़मेर में लगाया गया।
जोधपुर में सात प्रवासी कैंप हैं। इन कैंपों में पाकिस्तानी शरणार्थिओं के आने का सिलसिला कभी थमता नहीं। हर हफ्ते इंडिया और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन थार लिंक एक्सप्रेस के जरिए पाकिस्तान से हिन्दू प्रवासी भारत में शरण लेते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग कभी वापस नहीं जाते। भारत में बाबरी विध्वंस के बाद से पाकिस्तान में हिन्दुओं का रहना बेहद मुश्किल हो गया। दूसरी तरफ तालिबान के मजबूत होने से पाकिस्तान में हिन्दुओं के लिए और मुश्किल स्थिति हो गई।
हालांकि भारत में भी हिन्दू प्रवासियों के लिए जीवन इतना आसान नहीं है। पाकिस्तान से आने वाले ज्यादातर हिन्दू अनुसूचित जाति या जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। शहर के बाहरी इलाकों में बने कैंप में ये अपना जीवन बसर करते हैं। इन कैंपों में बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं। पानी सप्लाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसी सुविधाएं यहां न के बराबर हैं।
अलकौसर नगर कैंप में तो शौचालय तक नहीं है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शौचायल पर काफी जोर है। यहां नियमित तौर पर पानी की सप्लाई भी नहीं है। पाकिस्तान से हाल में राजस्थान आए एक प्रवासी ने कहा कि हम पास के मदरसे से पानी लेते हैं। यह प्रवासी अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहता है। इसे डर है कि पहचान जाहिर होने से पाकिस्तान के कराची में रह रहे उसके परिवार वालों को समस्या हो जाएगी। इस प्रवासी ने कहा कि हमारे बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिला नहीं मिल सकता और हम प्राइवेट स्कूल का खर्च वहन नहीं कर सकते। सात सालों के लंबे इंतजार के बाद इन्हें लंबे समय के लिए वीजा मिल गया है। अब ये भारतीय नागरिकता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इस प्रवासी ने कहा कि यह सब कुछ इतना आसान नहीं है।
बड़ी संख्या में प्रवासी जो भारत में होने वाली दिक्कतों से नहीं जूझ पाए वे वापस पाकिस्तान चले गए, लेकिन पाकिस्तान से लोगों का आना थम नहीं रहा है। सरकारी एजेंसियां सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए नागरिकता नहीं देने की बात कहती हैं। इनका कहना है कि ज्यादातर लोग अविभाजित भारत के हैं। प्रवासी से भारतीय नागरिक बने सोधा ने कहा कि इन्हें कम से कम रिफ्यूजी का स्टेटस तो मिल ही जाना चाहिए।
पाकिस्तानी प्रवासी राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और जोधपुर में सबसे ज्यादा आते हैं, क्योंकि एक्सप्रेस इन शहरों से होकर गुजरती है। बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश ने भी 20 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी हिन्दुओं को भारतीय नागरकिता देने का फैसला किया था।
सिविक पोल के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन प्रवासियों को नागरिकता देने का आश्वासन दिया था। चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत भी हुई। शिवराज सिंह ने कहा था कि किसी भी पाकिस्तानी हिन्दू को राज्य में रहने के लिए पूछने की जरूरत नहीं है। इन पाकिस्तानी हिन्दुओं को स्थायी नागरिकता देने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की थी। चौहान ने यह वादा इंदौर में किया था। मध्य प्रदेश के इसी शहर में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी हिन्दू प्रवासी हैं।
मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में विदेश मंत्रालय की मदद से इन प्रवासियों के कैंप बनाए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन इन प्रवासियों के हकों को सुनिश्चित करने में लगा है। डीएम ने इन्हें नागरिकता प्रदान करने की सिफारिश की है। फाइलें गृह और विदेश मंत्रालय के पास भेजी गई हैं। जैसे ही इन फाइलों पर दिल्ली से मुहर लग जाती है इन प्रवासी पाकिस्तानियों को भारत की स्थायी नागरिकता मिल जाएगी।