खंडवा – सफाईकर्मियों की हड़ताल के चलते नगर की साफ़-सफाई दुरुस्त करने के उद्देश्य को लेकर खंडवा में जन सहयोग से सफाई अभियान चलाया जा रहा , इस अभियान में नगर के पचास वार्ड के पार्षद , निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे है , यह पहला अभियान ऐसा है जो मीडिया कवरेज के लिए नहीं बल्कि शहर को स्वच्छ करने हेतु व्यापक पैमाने पर चलाया जा रहा है , जिसमे पुरे शहर की सफाई की जाकर कचरा उठाया जा रहा है।
खंडवा बस स्टेण्ड परिसर से आरम्भ हुए सफाई अभियान में नगर निगम महापौर , निगम आयुक्त , पचास वार्डों के पार्षद , जनप्रतिनिधि और शहर के जागरूक नागरिक शामिल हुए। लगभग चार सौ लोगो का जत्था , जब शहर की सड़को पर झाड़ू लेकर निकला तो शहर की सड़के चमचमाती नजर आई। इस अभियान में नगर निगम के हड़ताली सफाईकर्मियों को छोड़कर , अन्य कर्मचारी शामिल हुए , जिन्होंने पूरी लगन से साफ़ -सफाई की। खंडवा में निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल को आज चौथा दिन है , खंडवा नगर निगम महापौर सुभाष कोठारी का कहना है की सफाईकर्मियों की गैरवाजिब मांगों के आगे वे झुकने को तैयार नहीं है ,
खंडवा नगर निगम में शासन द्वारा सफाईकर्मियों के स्वीकृत पदों की संख्या 420 है , लेकिन निगम ने 637 सफाईकर्मी पदस्थ है ,जिनमे 229 स्थायी कर्मचारी है शेष मस्टर और ठेकदारी पर काम करते है , जिनकी तनख्वाह पर 65 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च होता है , यह सफाईकर्मी चार प्रमुख मांगो को लेकर हड़ताल पर है , निगम प्रशासन के अनुसार , सफाईकर्मियों की चारो ही मांग गैर-वाजिब है। हड़ताली सफाईकर्मियों को समझाने हेतु राज्य स्तर पर भी प्रयास किये गए , साफ़-सफाई आयोग के सदस्य जटाशंकर कनोसिया ने वार्ता भी की जो विफल रही , ऐसे में नगर को साफ़ रखने की जिम्मेदारी को समझते हुए खुद निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि आगे आये और उन्होंने झाड़ू उठाई और नगर में साफ़ – सफाई की। सफाई की इस मुहीम में निगम अमले की जेसीबी , ढंपर , डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन को शामिल किया गया , सबसे बड़ी बात यह रही की यह स्वच्छ्ता अभियान पुलिस प्रोटक्शन में सम्पन्न हुआ। क्योंकि इसके पहले नगर के कुछ वार्ड के नागरिको ने अपने क्षेत्र में सफाई की तो उनके साथ सफाईकर्मियों ने मारपीट की।
सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण मज़बूरीवश पुरे खंडवा नगर में चलाया जा रहा सफाई अभियान, अब तक देश में चलाये गए किसी भी स्वछता अभियान से बढ़ा अभियान है , जो यह सीख देता है की किसी भी मुश्किल काम करने के लिए जब पूरा शहर एकजुट हो जाए , तो कठिन से कठिन काम भी आसान हो जाता है।
रिपोर्ट :- अनंत महेश्वरी