नई दिल्ली – 16 दिसंबर के बलात्कार कांड पर दिल्ली दहल उठी थी। केस चला सजा हुई, लेकिन अब मामला फिर चर्चा में है उसकी वजह है बीबीसी का एक इंटरव्यू। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जहां बलात्कार के दोषी से बीबीसी के पत्रकार द्वारा किए गए इंटरव्यू पर कड़ा एतराज जताया है और मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। वहीं सरकार ने इस इंटव्यू के प्रसारण पर भी रोक लगा दी है।
वहीं दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बीबीसी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। सूत्रों की मानें इस सनसनीखेज इंटव्यू में दोषी मुकेश ने कुछ ऐसी तीखी टिप्पणियां की हैं, जिसको लेकर गृहमंत्रालय बेहद गंभीर नजर आ रहा है। वहीं तिहाड़ जेल के महानिदेशक ने इस पूरे मामले की जानकारी फोन पर ही राजनाथ सिंह को दे दी है।
आपको बता दें कि लेसली उडविन को लेकर विवाद उस वक्त बढ़ा जब खबर आई कि उसे इस इंटव्यू के लिए आधिकारिक मंजूरी दे दी गई थी। रेप का ये दोषी मुकेश सिंह निर्भया बलात्कार कांड में मृत्युदंड की सजा काट रहा है।
जहां बीबीसी का ये पत्रकार लेसली उडविन इंटव्यू को आधार बनाकर डॉक्यूमेन्ट्री बनाने की तैयारी में है तो वहीं दूसरी ओर इस साक्षात्कार में मुकेश ने कई चौंकाने वाले बयान दिए हैं। दोषी मुकेश ने अपने इंटरव्यू में मुकेश ने कहा रेप जैसे मामलों में ताली एक हाथ से नहीं बजती है। यही नहीं उसने कहा कि अगर वह छूटा तो भविष्य में और खतरनाक हो जाऊंगा।
मंगलवार को दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में फिल्म निर्देशक व निर्माता लेसली उडविन और सह निर्माता दिबांग ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 62 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) को एक राष्ट्रीय हिंदी न्यूज चैनल पर दिखाई जाएगी।
उडविन ने कहा कि मुकेश से उन्होंने कुल 16 घंटे अकेले में तिहाड़ जेल के अंतर बात की। दो अन्य आरोपियों से भी तीन-तीन घंटे का इंटरव्यू लिया। पूरे साक्षात्कार में कभी भी न तो पछतावे वाली बात दिखी न ही उन्होंने अपने किए को गलत माना।
उनका कहना था कि जब दुष्कर्म व हत्या का दोषी संसद में बैठ सकता है तो उन्होंने क्या गलती की है। उनके मुताबिक यह छोटी सी बात है जिसे मीडिया ने तिल का ताड़ बना दिया।
मुकेश ने कहा कि अगर वह विरोध नहीं करती यानी दुष्कर्म करने देती तो वह उसे छोड़ देते। वह अच्छी लड़की थी यह आप नहीं कह सकते। क्योंकि अच्छी लड़कियां रात को नौ बजे अपने पुरुष दोस्त के साथ नहीं घूमतीं।
अगर उसे फांसी होगी तो यह लड़कियों के लिए और खतरनाक होगा। क्योंकि आगे कोई दुष्कर्म करेगा तो आरोपी कभी उसे जिंदा नहीं छोड़ेगा जैसा उन्होंने किया था।
लेसली उडविन व दिबांग ने यह भी कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री बीबीसी की नहीं है। इसका निर्माण उन्होंने खुद किया है। दिबांग ने कहा कि उन्होंने खुद इस पर काम किया है।
बाकायदा कानून को ध्यान में रखकर सभी अनुमति लेकर यह काम किया गया है। मुकेश का इंटरव्यू 10 अक्तूबर 2013 को किया गया था। फिल्म में पीड़ित निर्भया के माता पिता के अलावा बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष के वकीलों समेत विशेषज्ञों से भी बातचीत की गई है।दूसरी ओर इस डाक्यूमेंट्री में बचाव पक्ष के वकील भी रात के समय लड़कियों के अकेले बाहर न जाने की बात कहते दिखेंगे।