जम्मू – राज्य की विधानसभा में सांबा और कठुआ में हुए आतंकी हमले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही भारत सरकार से इस मुद्दे को पाकिस्तान के सामने उठाने की मांग की गई। प्रस्ताव पारित करने से पहले इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने खासा हंगामा किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद वित्त मंत्री हसीब द्राबू को वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करना था, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने शुक्रवार और शनिवार को हुए आतंकवादी हमले को लेकर प्रस्ताव की मांग की। अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता ने स्थिति को नियंत्रण में लेने का प्रयास किया, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया।
मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने विपक्ष से कहा कि अगर वे सदन की गरिमा का सम्मान करते हैं, तो उन्हें कार्यवाही बाधित नहीं करनी चाहिए। इसके बाद आतंकी हमले के खिलाफ प्रस्ताव रखा गया जिसे तुरंत ही पास कर दिया गया। सईद ने विधानसभा में कहा, “यह राज्य में हुआ पहला हमला नहीं है। मुझे विश्वास है कि शांति वापस लौटेगी, जैसा कि यह 2002-07 में हुआ था।”
उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान भारत से दोस्ती चाहता है, तो उन्हें राज्य में शांति लाने के प्रयास में मदद करनी होगी। पाकिस्तान को ऎसे हमले में शामिल लोगों से कहना होगा कि वे ऎसे हमले करना बंद करें।” मुख्यमंत्री ने इन हमलों को शांति के खिलाफ कार्रवाई करार देते हुए अध्यक्ष से अपील की कि सदन को सर्वसम्मति से हमले से संबंधित निंदा प्रस्ताव पारित करना चाहिए। मुख्यमंत्री के बयान से असंतुष्ट पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य सदन से बर्हिगमन कर गए।