सिवनी – डी.पी. महाविद्यालय में एक कर्मचारी ऐसा है जो के.के. चतुर्वेदी का हमप्याला, हमयाला कहलाता है,ं जिसे के.के. की हर बात की खबर होती है। इस सिरचढ़े कर्मचारी की हर गलतियां चतुर्वेदी माफ कर देते हैं। शायद इस कर्मचारी को के.के. की जानकारी होगी। पुलिस अगर इस कर्मचारी से कड़ाई से पूछताछ करे तो के.के. को आसानी से पकड़ा जा सकता है। वहीं इस कर्मचारी के मोबाईल को यदि ट्रेस किया जाए तो के.के. की जानकारी लग सकती है, चूंकि बताया जा रहा है कि इनकी बातें रोजाना होती है।
गर की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था डी.पी. कॉलेज इन दिनों बदनामी का दंश झेल रहा है। बीते दिनों अपने कॉलेज की ही शिक्षिका को लेकर संचालक के.के. चतुर्वेदी 3-4 दिन के लिए रफूचक्कर हो गये। वे कहां गये थे और क्यों गये थे? इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है। लेकिन नगर में चल रही चर्चाओं की माने तो कोई इसे प्रेमप्रसंग को लेकर जोड़ रहा रहा था कोई शिक्षिका के अबॉर्शन की बात कर रहा है। अब सच क्या है यह तो के.के. चतुर्वेदी और मैडम ही बता सकती हैं।
मिली जानकारी के अनुसार डी.पी. चतुर्वेदी महाविद्यालय के संचालक कृष्णकांत चतुर्वेदी के विरूद्ध उनके ही अधीनस्त कार्यरत एक व्याख्याता की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने धारा 366,343 का मामला दर्ज कर लिया है जिसकी विवेचना चल रही है। थाना कोतवाली से मिली जानकारी के अनु सार 27 मार्च से कृष्णकांत चतुर्वेदी द्वारा अपने अधीनस्त कार्य करने वाली उक्त 28 वर्षीय व्याख्याता को बंधक बनाकर रखा गया था जो 1 अप्रैल 2015 को अपने घर वापस आयी है जिसके बयान आज थाना को तवाली मे पदस्थ एएसआई सनोडिया द्वारा लिये जाने थे। महिला ने अपने बयान में बताया कि कृष्णकांत चतुर्वेदी द्वारा 27 मार्च को उसे घर के पास फोन लगाकर बु लाया गया था औ र जब वो पहुची तो आरोपी द्वारा उसे जबरदस्ती अपनी गाडी मे बैठा शहर के बाहर ले जा लिया गया. प्रार्थिया से जब पुलिस ने प्रतिप्रश्न की कि उसे कहाँ ले जाया गया था तो इस पर प्रार्थिया द्वारा जवाब दिया गया कि उसे नहीं पता कि उसे कहाँ रखा गया था किन्तु एक बोर्ड मे उसने अमरकंटक लिखा देखा था।
प्रार्थिया द्वारा पु लिस बयान मे यह बात भी स्वीकारी गयी है कि आरोपी कृ ष्णकां त चतु र्वे दी द्वारा उसे बहला फुसला कर पत्नी बनाने का प्रलोभन देकर कोर्ट मैरिज भी की गयी जिसके लिये उससे कुछ कागजातों पर हस्ताक्ष भी कराये गये हैं। अब एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि हिन्दु मान्यता के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी पहली बीबी को तलाक दिये बिना दूसरा विवाह नहीं कर सकता, अगर कर भी ले तो वह गैरकानूनी माना जायेगा। प्रार्थिया आरोपी से बचकर घर आने मे कैसे सफल हुई इस बारे में उसके द्वारा बताया गया कि केके चतुर्वेदी द्वारा एक गाडी की जाकर उसे घर वापस भिजवाया गया है. युवती के परिजनों की सूचना पर पुलिस द्वारा उक्त वाहन जिसका क्रमांक एमपी 18 टी 1358 है को थाने मे खडा कर लिया गया है।
कॉलेज में खुलेआम चलती है इश्कबाजी
जब गुरू ही इश्कबाजी में मशगूल रहे तो फिर चेलों को कौन रोकेगा? इसी का असर है कि डी.पी. कॉलेज में खुलेआम इश्कबाजी होती है और कई बार युवक-युवतियां गले में हाथ डाले भी देखे गये है। इतना ही नहीं डीपी कॉलेज की दूसरी मंजिल भी इश्कबाजी के लिए फेमस है जहां के खाली कमरे युवक-युवतियों के मिलने का अड्डा बन गये है। ऐसा नहीं है कि कॉलेज प्रबंधन इस बात से अनजान हो, कॉलेज प्रबंधन को सबकुछ मालूम होने के बाद भी वह कोई आपत्ति नहीं उठाता। एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि के.के. चतुर्वेदी का उक्त शिक्षिका के साथ काफी समय से अफेयर चल रहा था और वह लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।
उखडऩे लगी पुरानी बाते
के.के. चतुर्वेदी के द्वारा ऐसा कृत्य करने के बाद अब सोशल मीडिया में चतुर्वेदी की पुरानी बातें सामने आने लगी है। सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं की माने तो के.के. चतुर्वेदी पूर्व में डिग्री कॉलेज में पढ़ाया करते थे जिन्हें एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की बेटी से अफेयर के चक्कर में उन्हें नौकरी से निकाला गया था। चर्चा तो यह भी चल रही है कि के.के. चतुर्वेदी ने बीते दिनों छात्रों के सामने उक्त मैडम की मांग भी भर दी थी, अब ये कहां तक सही है यह तो कॉलेज प्रबंधन ही जाने।
अर्वाशन की बात कितनी सच?
सोशल मीडिया व नगर सहित कॉलेज में चल रही चर्चाओं की माने तो के.के. चतुर्वेदी और उक्त शिक्षिका इश्कबाजी में इतने मशगूल थे कि उन्हें अवार्शन तक की नौबत आन पड़ी और माना जा रहा है कि इसी के चलते दोनों बिना किसी को बताये बाहर गए हुए थे। चर्चाओं की माने तो कॉलेज की प्रिंसीपल की गैरमौजूदगी में श्री चतुर्वेदी उक्त मैडम को किसी भी बहाने से बार-बार अपने रूम में बुलाया करते थे जहां देर तक दोनों के बीच गुफ्तगू चलती थी।
रिपोर्ट :-अखिलेश दुबे