नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन-धन योजना के तहत मुद्रा बैंक (माइक्रो यूनिट्स डिवेलपमेंट ऐंड रिफाइनैंस एजेंसी) का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘हमें देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने की जरूरत है।’
पीएम ने कहा, ‘औद्योगिक घराने सिर्फ 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं जबकि छोटे उद्यमी 12 करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजन करते हैं।’ इस मौके पर किसानों की दुर्दशा पर मोदी ने कहा, ‘हमें पर्याप्त बारिश के अभाव में या बेमौसम बारिश की समस्याओं से जूझ रहे किसानों के बारे में चिंता करनी चाहिए।’ उन्होंने किसानों की मदद के लिए भी कई घोषणाएं कीं।
वर्तमान में देश में करीब 5.77 करोड़ लघु इकाइयां हैं। यह मुद्रा बैंक इन इकाइयों के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश तय करेगा। गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में 20,000 करोड़ रुपये के शुरुआती कोष के साथ मुद्रा बैंक की स्थापना की घोषणा की थी।
कितना कर्ज देगा मुद्रा बैंक
वित्त मंत्रालय ने मुद्रा बैंक को 3 श्रेणियों शिशु, किशोर और तरुण में वर्गीकृत किया है। शिशु श्रेणी के तहत 50,000 रुपए, किशोर श्रेणी में 50,000 से 5,00,000 रुपए तथा तरुण श्रेणी में 5,00,000 से 10,00,000 रुपए तक की ऋण सहायता दी जाएगी।
मुद्रा बैंक से देश के करीब 5.77 करोड़ छोटे कारोबारियों को फायदा मिलेगा। छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और दुकानदारों को इससे लोन मिलेगा।
इस मौके पर बेमौसम बारिश से परेशान किसानों के बारे में भी चिंता प्रकट की। किसानों की दुर्दशा पर मोदी ने कहा, ‘हमें पर्याप्त बारिश के अभाव में या बेमौसम बारिश की समस्याओं से जूझ रहे किसानों के बारे में चिंता करनी चाहिए।’
पीएम ने कहा कि मंत्रियों ने किसानों के पास पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। मोदी ने कहा, ‘किसानों की मदद की योजना पर काम करने के लिए मैं मंत्रियों से मिला।’ उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों से कहा गया है कि वे बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के ऋण का पुनर्गठन करें, बीमा कंपनियों से भी उनके दावों का सक्रियता से निपटाने के लिए कहा गया है।
उन्होंने बताया, ‘प्राकृतिक आपदा के कारण फसल को होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा पाने की पात्रता 50 प्रतिशत फसल रकबे से घटाकर 33 प्रतिशत की गई। प्रभावित किसानों को मिलने वाले मुआवजे के अनुपात में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई।’