नई दिल्ली – देश के संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की आज 124वीं जयंती है. आज बीजेपी से लेकर बीएसपी तक हर पार्टी आंबेडकर को अपना-अपना बताने की होड़ में लगी है. दलितों को लुभाने की कोशिश में राजनीतिक पार्टियां लगी हुई हैं. बीएसपी सुप्रीमो ने लखनऊ में बड़ी रैली का आयोजन किया है तो वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने मुख्यपत्र में आंबेडकर पर विशेष अंक निकाला है. यूपी सरकार ने तो आंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान कर दिया है.
आंबेडकर जयंती पर आज लखनऊ में बीएसपी का बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ. यहां पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर जमकर निशाना साधा. मायावती ने कहा कि आज कांग्रेस आंबेडकर पर साल भर का कार्यक्रम करने जा रही है लेकिन आजादी के बाद लंबे समय तक देश पर राज करने के बावजूद कांग्रेस ने आंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया.
मायावती ने कहा कि आज विरोधी पार्टियां बाबा साहेब के जन्मदिन मनाने में तुली हुए हैं, जबकि जीते जी इन पार्टियों ने उन्हें कभी सम्मान नहीं दिया. उदाहरण देते हुए मायावती ने कहा कि संविधान लागू होने के बाद जब पहला आम चुनाव हुआ तो बाबा साहेब ने महाराष्ट्र में मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया. कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में बाबा साहेब को हराने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी और अपना उम्मीदवार उतारकर उन्हें चुनाव हरवा दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पैसे और मशीनरी का दुरुप्रयोग कर बाबा साहेब को मुंबई से चुनाव हरवाया.
उत्तर प्रदेश में अब 6 दिसंबर को सरकारी छुट्टी होगी. आंबेडकर पुण्यतिथि के मौके पर अखिलेश यादव की सरकार ने सार्वजनिक छुट्टी का एलान किया है. जिस वक्त बीएसपी सुप्रीमो सभी पार्टियों को कोस रही थी उसी समय यूपी सरकार ने ये ऐलान किया.
आंबेडकर जयंती पर रैली के जरिए बीजेपी दलितों को जोड़ने में जुटी है. बीजेपी ने आज पटना में होने वाली रैली को विराट कार्यकर्ता संगम नाम दिया है, इस रैली से से बिहार में बीजेपी इसी साल होने वाले बाहर विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर सकती है. बीजेपी का दावा है कि बिहार में पार्टी ने एक लाख 35 लाख कार्यकर्ताओं का पंजीकरण किया है, जो पार्टी की नीतियों को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे. कांग्रेस आंबेडकर के जयंती के दिन महू (मध्यप्र देश) से रैली के जरिए इसकी शुरुआत होगी. ऐसी उम्मीद है कि छुट्टी पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इसमें शामिल होने वाले हैं.
आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आंबेडकर को श्रद्धांजिल अर्पित करने पहुंचे.आंबेडकर को उनकी जयंती पर आज संसद में याद किया गया और मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया. आंबेडकर को उनकी जयंती पर आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी पुष्पांजलि अर्पित किया.
आंबेडकर जयंती पर आरएसएस ने पत्रिका के दो विशेषांक निकाले हैं और अंबेडकर से जुड़ी नई जानकारी सामने रखने का एलान किया है. जयंती के मौके पर आरएसएस के दोनों मुखपत्र ऑर्गनाइजर और पांचजन्य 200 पन्नों का विशेष अंक ला रहे हैं. शाम को सरकार्यवाह भैयाजी जोशी की मौजूदगी में ये विशेष अंक लॉन्च होगा.
RSS के मुखपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख में लिखा है, “आंबेडकर ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए जानबूझकर भारत की मिट्टी में पैदा हुआ बौद्ध धर्म स्वीकारणीय माना. इस्लाम और ईसाइयत का अनुगामित्व उन्होंने नहीं किया, कारण भारतीय भाव-विश्व से दगा करना उन्हें सर्वथैव नामंजूर था”.
इस लेख में लिखा गया है कि बंटवारे के हालात में डॉक्टर आंबेडकर ने हिंदू समाज को चेतावनी देते हुए कहा, ‘मैं पाकिस्तान में फंसे वंचित समाज से कहना चाहता हूं कि उन्हें जो मिले उस मार्ग और साधन से उन्हें हिन्दुस्तान आ जाना चाहिए. दूसरी एक बात और कहना है कि पाकिस्तान और हैदराबाद की निजामी रियासत के मुसलमानों अथवा मुस्लिम लीग पर विश्वास रखने से वंचित समाज का नाश होगा. वंचित समाज में एक बुरी बात घर कर गई है कि वह यह मानने लगा है कि हिन्दू समाज अपना तिरस्कार करता है, इस कारण मुसलमान अपना मित्र है. पर यह आदत अत्यंत घातक है. जिन्हें जोर जबरदस्ती से पाकिस्तान या हैदराबाद में इस्लाम की दीक्षा दी गई है, उन्हें मैं यह आश्वासन देता हूं कि कन्वर्जन करने के पूर्व उन्हें जो व्यवहार मिलता था. उसी प्रकार की बंधुत्च की भावना का व्यवहार अपने धर्म में वापस लौटने पर मिलेगा.
तारीक अनवर का कहना है, “मैं समझता हूं कि इसमें कोई तर्क नहीं है और आम्बेडकर ने तो खुद अपना धर्म परिवर्तित कर लिया था अंत में और बौद्ध धर्म को अपना लिया था. तो इसलिए मैं नहीं समझता कि जो तर्क आरएसएस दे रहा है उसमें कोई सच्चाई है.”