लखनऊ – नीतियों और सुविधाओं के अभाव में उत्तरप्रदेश के विकास में लोगों की भागीदारी हासिल करने में दिक्कत हो रही थी। यही कारण है कि सरकार ने पिछले तीन साल के दौरान तमाम क्षेत्रों के लिए नई नीतियां बनाकर उन्हें लागू किया है। फिल्म निर्माण के नजरिए से उत्तर प्रदेश एक बेहतरीन जगह है। यहां उपलब्ध तमाम सम्भावनाओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने फिल्म नीति को आकर्षक और सुविधाजनक बनाने का फैसला लिया।
राज्य में फिल्मों की शूटिंग के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार व प्रदेश के कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है। फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने के लिए आमंत्रित करने के साथ ही इस कार्य में प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें हर सम्भव सहयोग व मदद प्रदान की जाएगी।
[यूपी में 30 फिल्मों की शूटिंग चालू]
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यहां अपने सरकारी आवास पर फिल्म बंधु द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में फिल्म बंधु की वेबसाइट www.filmbandhuup.in का उद्घाटन एवं ‘फिल्म नीति उत्तर प्रदेश-2015’ पुस्तिका का विमोचन किया। सीएम ने नई फिल्म नीति के तहत फिल्म ‘तेवर’ को 2 करोड़, ‘जां निसार’ को 2 करोड़ 25 लाख तथा फिल्म ‘दोज़ख-इन सर्च आॅफ हैवेन’ को 59 लाख 53 हजार रुपए का अनुदान प्रदान किया।
राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 2 फिल्म सिटी के लिए हस्ताक्षरित एम.ओ.यू. के दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। एक फिल्म सिटी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर तथा दूसरा ट्रांस गंगा हाइटेक सिटी परियोजना उन्नाव में विकसित किया जाएगा। दोनों फिल्म सिटी पर कुल मिलाकर लगभग 650 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और इनसे लगभग 9 हजार लोगों को रोजगार मिलने का दवा भी किया गया।
राज्य सरकार की ओर से एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर प्रमुख सचिव सूचना एवं अध्यक्ष फिल्म बंधु नवनीत सहगल ने किए। पहला एम.ओ.यू. मेधज प्रोडक्शन्स एवं रविकिशन प्रोडक्शन्स के साथ किया गया, जो ट्रांस गंगा हाइटेक सिटी परियोजना में फिल्म सिटी स्थापित करेंगे। दूसरे फिल्म सिटी के लिए एम.ओ.यू. पर्पेल सी होल्डिंग्स के साथ सम्पन्न हुआ। इसे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के महत्व और योगदान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य होने के कारण यह एक बहुत बड़ा बाजार भी है। मुम्बई सहित तमाम स्थानों पर बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के लोग हर स्तर पर काम कर रहे हैं। हमारे प्रदेश ने फिल्म जगत को भी अनेक मशहूर हस्तियां दी हैं। फिल्म कारोबार की दृष्टि से भी प्रदेश काफी अहम है। फिल्म वही हिट होगी, जिसे राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोग देखेंगे।
राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विविधताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व विख्यात ताज महल और वाराणसी उत्तर प्रदेश में स्थित हैं, लेकिन ज्यादातर विदेशी पर्यटकों को इसकी जानकारी नहीं है। इसलिए देश-दुनिया में प्रदेश के मशहूर स्थानों और इमारतों की पहचान बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इतिहास इसका मूल्यांकन करता है कि वर्तमान पीढ़ी ने भावी पीढ़ी को कैसी विरासत सौंपी है। इसलिए लखनऊ के रूमी दरवाजे सहित ऐतिहासिक इमारतों को संवारा जा रहा है। गोमती नदी के सौन्दर्यीकरण एवं सफाई का कार्य भी राज्य सरकार की इसी सोच का हिस्सा है। उन्होंने भाईचारे और सद्भाव की परम्परा को बनाए रखने पर भी बल दिया।
लखनऊ के जानेमाने फिल्मकार मुज़फ़्फ़र अली ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म बन्धु के माध्यम से फिल्म निर्माताओं को सुविधाएं देकर राज्य सरकार ने बहुत बड़ी पहल की है। उनका सपना था कि राज्य में फिल्में यहां के कलाकारों के साथ बनाई जाएं, जो प्रदेश सरकार के प्रयासों से साकार हो रहा है। श्री अली ने बताया कि उनकी फिल्म ‘जां निसार’ स्वाधीनता आन्दोलन पर आधारित है।
अभिनेता अनिल कपूर के बड़े भाई निर्माता बोनी कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश फिल्म निर्माताओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले पहले कुछ राज्यों में शामिल है। मुम्बई फिल्म उद्योग के साथ-साथ दक्षिण भारत के फिल्म जगत को भी प्रदेश में आमंत्रित करने से यहां फिल्म निर्माण की गतिविधियों में और बढ़ावा दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश से अपने जुड़ाव की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनका जन्म मेरठ में हुआ था। श्री कपूर ने कहा कि उनकी फिल्म ‘तेवर’ की शूटिंग आगरा और मथुरा में सम्पन्न हुई थी तथा प्रदेश में दो और फिल्मों की शूटिंग करने की योजना है।
फिल्म निर्माता पवन तिवारी ने बताया कि उनकी फिल्म ‘दोज़ख-इन सर्च आॅफ हैवेन’ में उत्तर प्रदेश की संस्कृति को दर्शाया गया है और इस फिल्म की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना हुई है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे उत्तर प्रदेश में एक फिल्म की शूटिंग की शुरुआत करेंगे।
भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन ने कहा कि कुछ महीने पहले उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर प्रदेश में फिल्म सिटी स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसकी आज शुरुआत हो गई है। उन्होंने बताया कि पूर्व में उन्होंने बिहार सरकार से भी ऐसी मंशा जतायी थी, लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने आशा व्यक्त की कि फिल्म सिटी के तैयार हो जाने के बाद यहां बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा और अनेक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी प्राप्त होगा।
अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने अपने सम्बोधन में बताया कि वे एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में लखनऊ आई हैं। यहां की तहजीब ने उन्हें काफी प्रभावित किया है। इस साल उनकी तीन फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित है।
जापान के सांसद नागासाकी कातारू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जापान के सहयोग से एक फिल्म सिटी की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना के माध्यम से भारत और जापान के सम्बन्ध और प्रगाढ़ बनेंगे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि फिल्म सिटी में तैयार फिल्मों का प्रदर्शन जापान में भी होगा।
शीघ्र ही फिल्म बन्धु में भी, उद्योग बन्धु की तर्ज पर सिंगल विंडो व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके अलावा, फिल्म निर्माताओं के साथ समन्वय के लिए प्रत्येक जनपद में एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, जिसका विवरण फिल्म बन्धु की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। रिपोर्ट- शाश्वत तिवारी