प्रतापगढ़ – केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें अकबर को महान कहने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह बात उनकी समझ से परे है कि महाराणा प्रताप को महान कहने में क्या आपत्ति हो सकती है। राजस्थान के प्रतापगढ़ में महाराणा प्रताप की एक मूर्ति का अनावरण करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इतिहास को ठीक किया जाना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने महाराणा प्रताप को महान बताते हुए कहा कि वह मानव संसाधन मंत्री से महाराणा प्रताप की गाथा को सीबीएसई के पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा, मैं यह मानता हूं कि महाराणा प्रताप भी महान थे और महाराणा प्रताप की चर्चा होने पर तुरंत मेवाड की धरती का स्मरण आ जाता है. महारणा प्रताप की जीवनी को विस्तार में पढाने के संबंध में राजस्थान सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार भी महाराणा प्रताप की गाथा को केवल भारत में नहीं पूरे विश्व में पहुंचाने का प्रयास करेगी।
गृह मंत्री के मुताबिक, महाराणा प्रताप की 475वीं जयंती पूरे हिंदुस्तान में मनाई जाएगी और दुनिया के अन्य देशों मे रहने वाले भारतीय भी महाराणा प्रताप की जयंती मनाएंगे. राजनाथ सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया. लेकिन भारत के इतिहास में जिस प्रकार से महाराणा प्रताप का मूल्यांकन होना चाहिए था उतना सही मूल्यांकन नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप देश में नही विदेश में भी प्रेरणा के स्रोत रहें है।
वियतनाम द्वारा अमेरिका की सेना के खिलाफ संघर्ष और सफलता का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा कि वियतनाम को प्रेरणा महाराणा प्रताप के जीवन से मिली थी और यह बात खुद वियतनाम के राष्ट्रपति ने बतायी थी. उन्होंने कहा कि वियतनाम के तत्कालीन विदेश मंत्री भी अपनी भारत यात्रा के दौरान उदयपुर में आकर महाराणा प्रताप को श्रृांजलि दी थी. देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले महाराणा प्रताप, पन्ना धाय, छत्रपति शिवाजी सहित विभिन्न महापुरूषों का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि सभी महापुरूषों के पराक्रम, शौर्य, और वीरता को सदैव याद रखा जाएगा। एजेंसी