बांग्लादेश दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में दो साल बाद हरभजन सिंह की वापसी हो गई। हरभजन ने आखिरी बार 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रंखला में आखिरी बार भारतीय टीम की जर्सी पहनी है।
मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि, बांग्लादेश टीम में काफी सारे बाएं हाथ के बल्लेबाज है, इसके चलते हरभजन सिंह को लिया गया है। हरभजन ने 1998 में भारतीय टीम में पदार्पण किया था और वह भारत के टेस्ट में 413 विकेट के साथ तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
लेकिन उनका यह तर्क हजम नहीं होता। क्योंकि भारतीय टीम में आर अश्विन के रूप में पहले ही एक ऑफ स्पिनर है और इसके चलते दो ऑफ स्पिनर खिलाना कैसे संभव होगा। इसी के साथ सवाल उठाए जा रहे हैं कि हरभजन का रणजी ट्रॉफी प्रदर्शन इस तरह का नहीं था कि उन्हें टेस्ट का टिकट मिल जाए। हरभजन ने पिछले रणजी सत्र में मात्र तीन वनडे मैचों में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने छह विकेट लिए थे। इस दौरान 51 रन पर तीन विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था।
हालांकि आईपीएल-8 में हरभजन का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है। मुंबई इंडियन्स के लिए 14 मैचों में 16 विकेट लिए हैं और वह अपनी टीम की ओर से दूसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज है। लेकिन आईपीएल का प्रदर्शन अगर टेस्ट टीम का आधार था तो फिर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के युवा लेग स्पिनर युजवेन्द्र चहल उनसे आगे रहते हैं। चहल ने 13 मैच में 19 विकेट झटके हैं।