मुंबई – मीरा-भाईंदर एनसीपी के पूर्व दबंग विधायक गिल्बर्ट मेंडोंसा की पुत्री असेंला मेंडोंसा परेरा द्वारा रिहायशी जमीन की सरकारी कीमत कम दिखाकर राजस्व विभाग को लाखों रुपये का चूना लगाने के मामले में एब्सल्यूट के प्रकाशित खबर ने पुरजोर असर दिखाया है। इस प्रकरण में ठाणे मुद्रांक जिलाधिकारी ने असेंला परेरा को 73 लाख 86 हजार 490 रुपए भरने का आदेश दिया है।
जिस पर जिला प्रशासन का संबंधित महकमा फौरन हरकत में आया और असेंला को नोटिस देकर डुबाए राजस्व की रकम 30 दिनों के भीतर भरने को कहा है। मुदांक जिलाधिकारी जयराज देशपांडे यह रकम न भरने पर फौजदारी कार्यवाही करने को भी कहा है। बता दें कि मीरा-भाईंदर रोड पर भाईंदर पूर्व स्थित जमीन (सर्वे क्र.36 ) के रजिस्ट्रेशन के दौरान पक्षकार को स्टॉम्प ड्यूटी में रास्ता विभाग का गैरकानूनी तरीके से 30 प्रतिशत का फायदा पहुंचाया गया था।
महाराष्ट्र्र पंजीकरण अधिनियम के मुताबिक जिस जमीन पर रास्ते की सुविधा न हो या फिर वह 50 मीटर भीतर हो तब उस जमीन पर रास्ता विभाग कानून के अनुसार बाजार भाव से 30 प्रतिशत का लाभ दिया जाता है। मगर सब-रजिस्ट्रार दलवी मैडम ने बिना कोई जांच-पडताल किए कानून को धता बता असेंला को मुद्रांक शुल्क में लाखों रुपए का फायदा पहुंचाया। इस भूखंड का वर्ष 2010 में एन.ए.किया गया था और मीरा-भाईंदर महानगरपालिका द्वारा आर.एन.ए.बिल्डर्स के नाम प्लॉन पास कर दिया गया था।
ताजुब की बात यह है कि हुए भूखंड को कानूनन छूट संबंधी कोई सुविधा नहीं मिलती लेकिन मौजूदा मामले में साठगांठ कर समूचे नियम-कानून को ताक पर रख दिया गया। यदि ईमानदारी से स्टॉम्प ड्यूटी भराई गई होती तो सरकारी तिजोरी में लगभग 1 करोड रुपए से ज्यादा का इजाफा होता। परंतु असेंला की संबंधित अधिकारियों से मिलीभगत के चलते सरकारी खजाने को करोडों का चूना लगाया गया।
घोटाले के इस मामले का पर्दाफाश किए जाने के बाद सरकारी महकमे ने इसे गंभीरता से लिया और इस प्रकरण में ठाणे शहर मुद्रांक जिलाधिकारी ने महाराष्ट्र राजस्व अधिनियम 1958 की धारा 32 अ के तहत (पत्र क्रमांक 13834 के मुताबिक) असेंला पर कार्यवाही का आदेश दिया है। राजनीतिक विरासत प्राप्त असेंला मेंडोंसा परेरा की बहन कैटलीन मीरा-भाईंदर महानगरपालिका के पूर्व महापौर रहा चुकी है तो वही उपमहापौर रह चुके चाचा स्टीवन मेंडोंसा व भाई वेंचर समेत खुद भी मौजूदा नगरसेवक है। लिहाजा इस परिवार का राजनीतिक प्रभाव और दबदबा कितना है की इसे बताने की कोई आवश्यकता नहीं।
रिपोर्ट – अजय शर्मा