नई दिल्ली – स्विस बैंक में काला धन रखने वालों के नाम सार्वजनिक करने को लेकर भारत सहित दुनिया भर के देशों से बढ़ रहे दबाव के बीच स्विट्जरलैंड सरकार ने वहां के बैंक में खाता रखने वाली दो भारतीय महिलाओं स्नेहलता साहनी और संगीता साहनी ने नाम सार्वजनिक किए हैं।
इसके साथ ही प्रशासन ने कई विदेशी नागरिकों के नाम सार्वजनिक किए हैं, जिससे कि उनके खिलाफ कथित कर चोरी के मामले की जांच उनके देश में हो सके।
नाम सार्वजनिक करने के साथ स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने दोनों महिलाओं से कहा है कि अगर वे भारत सरकार के साथ जानकारी साझा करने से रोकना चाहती हैं तो 30 दिनों के भीतर संघीय प्रशासनिक अदालत के समक्ष अपील दायर करें।
प्रशासन ने महिलाओं के नाम और उनकी जन्मतिथि के अलावा अन्य कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं किया है।स्विस सरकार ने दोनों देशों के बीच हुई आपसी सहयोग संधि के तहत दोनों नाम सार्वजनिक किए हैं।
इसी तरह ब्रिटिश, स्पैनिश और रूसी नागरिकों के मामले में भी नाम और जन्मतिथि सार्वजनिक किए गए हैं। केवल अमेरिका और इस्राइली नागरिकों के शुरुआती नाम और जन्मतिथि जारी किए गए हैं।
प्रशासन इस माह अब तक स्विस संघीय गजट में कम से कम ऐसे 40 नाम प्रकाशित कर चुका है। आने वाले दिनों में और नाम सार्वजनिक किए जाने की संभावना है। हालांकि, एफटीए के प्रवक्ता ने इस बारे में किए गए मेल का तुरंत कोई जवाब नहीं दिया है।
गौरतलब है कि स्विस बैंकों में कथित तौर पर काला धन रखने का मामला भारत में एक बड़ा राजनीतिक मसला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 100 दिनों में काला धन वापस लाने के नारे के साथ ठीक एक साल पहले सत्ता में आई थी।
भारत सरकार लंबे समय से स्विस प्रशासन पर कर की चोरी करने वाले संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी साझा करने का दबाव डालता रहा है। वैसे स्विस प्रशासन ने उन कुछ मामलों में जानकारी मुहैया करवाई है, जिसमें भारत सरकार ने स्वतंत्र साक्ष्य मुहैया करवाए हैं।
इन नामों को लेकर अलग-अलग तारीखों में जारी नोटिसों के मुताबिक संबंधित व्यक्ति 30 दिनों के भीतर साक्ष्यों और कारणों के साथ संघीय प्रशासनिक अदालत में अपील दाखिल करेंगे। इतना ही नहीं इन गजट नोटिसों के जरिए स्विस एफटीए संबंधित व्यक्ति को कानूनी सहायता का भी मौका देने पर विचार कर रहा है।