नई दिल्ली – विश्व स्वस्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) के मुताबिक, एक ही उम्र वर्ग के युवा धूम्रपान करने वालों के दिल की ध़डकन धूम्रपान न करने वालों से 2-3 बार ज्यादा ध़डकती है। तंबाकू में मौजूद निकोटीन में लत लगाने की क्षमता होती है और धूम्रपान से कुछ समय बाद व्यक्ति का रक्तचाप और ध़डकन की रफ्तार बढ़ जाती है। इससे दिल और धमनियों पर दबाव प़डता है और दिल का दौरा प़डने की आशंका बढ़ जाती है।
शोधों से पता चलता है कि दुनियाभर की दिल की कुल बीमारियों का दसवां हिस्सा धूम्रपान की वजह से है। जब कोई धुम्रपान करता है या तंबाकू अंदर खींचता है तो कार्बन मोनोऑक्साईड पैदा होता है, जो खून की ऑक्सीजन प्रवाह करने की क्षमता को कम करता है, जिससे शरीर के अहम अंगों और तंतुओं में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
इस तरह पैदा हुई कार्बन मोनोऑक्साइड प्लेटलेट्स में चिपचिपापन और एथरोस्लेरोसिस भी पैदा करती है, जिससे अचानक मौत हो सकती है। दिल्ली के पटप़डगंज स्थित मैक्स बालाजी सुपर स्पेशिलटी हस्पताल के कार्डियक कैथ लैब के एसोसिएट डायरेक्टर और प्रमुख डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि दिल के साथ-साथ तंबाकू सेवन से शरीर के अन्य अंगों की कार्यप्रणाली पर भी बुरा प्रभाव प़डता है। जैसे ही कोई सिगरेट का धुआं अपने अंदर खींचता है, तो शरीर में 4000 जहरीले खून में रसायन पैदा होते हैं, जो शरीर के कोने-कोने में फैल जाते हैं।
सिगरेट में कार्बन मोनोआक्साइड, आर्सेनिक, फोरमलडायहड, हाइड्रोजन, सिनानाइड, अमोनिया, लेड और एक्टेलडेहाइड आदि शामिल होते हैं। शोध में पता चला है कि युवाओं में धूम्रपान की वजह से दिमाग, फेफ़डे, गुर्दे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और मुंह की सेहत खराब हो जाती है व कैंसर की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। हम धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से होने वाली सभी बीमारियों को टोबोकॉसिस कहते हैं। वल्र्ड नो टोबैको डे के मौके पर हम लोगों से अपील करना चाहेंगे कि वह धूम्रपान छो़डें और रोग मुक्त सेहतमंद जीवन जिएं।
कैलाश हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट, नोएडा के सीनियर इंटरवेन्शनल कार्डियॉलॉजिस्ट डॉ. संतोष कुमार अग्रवाल कहा कि आज की युवा पीढ़ी में सिगरेट पीना एक फैशन सा हो गया है। यह माना जाने लगा है कि इससे दोस्त आसानी से बन जाते हैं, कॉलेज और दफ्तरो में साथियों के साथ जल्दी घुलमिल जाते हैं और लोगों में एक खास पहचान बनती है, लेकिन वह धूम्रपान से सेहत पर प़डने वाले गंभीर प्रभावों और दिल को लगने वाले उम्रभर के रोगों के बारे में नहीं जानते।
यह प्रमाणित तथ्य है कि जो लोग एक दिन में एक पैकेट या उससे ज्यादा सिगरेट पीते हैं, वे धूम्रपान न करने वालों के मुकाबले 7 साल कम जीते हैं। तंबाकू का सेवन दिल के लिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि इसका निकोटीन धूम्रपान करने वाले का बल्ड प्रेशर बढ़ा देता है, जिससे धमनियों में रक्त के थक्के बनते हैं और शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड जमा हो जाते हैं, जिससे लहू धमनियों की दीवारों पर कॉलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। इससे रक्त का प्रवाह रूक जाता है।
धुम्रपान कैसे छो़डें :
-निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी तंबाकू की इच्छा से ल़डने का बेहतर रास्ता है। अपने फिजीशियन से जानें कि आपके लिए कौन सी थैरेपी सबसे बेहतर रहेगी।
-निकोटीन नोजल स्प्रे, निकोटीन इनहेल्र्ज, और कुछ अन्य दवाइयां भी मदद कर सकती हैं।
-नियमित तौर पर 30 मिनट तक हल्का व्यायाम करने से निकोटीन की इच्छा कम की जा सकती है।
-आम तौर पर देखा गया है कि तनाव की वजह से धूम्रपान करने का मन होता है, इसलिए तनाव मुक्त रहने की गतिविधियां जैसे कि योग, मेडिटेशन, मसल रिलैक्सेशन और ब्रीदिंग टेक्निक्स काफी मददगार साबित हो सकती हैं।
-एजेंसी