नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यक विरोधी बयानों पर ‘संघ परिवार’ को सीधा संदेश दिया है। अपनी सरकार का एक साल पूरा होने पर दिए ताजा इंटरव्यू में मोदी ने बाकायदा संघ परिवार का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि संघ परिवार के कुछ नेताओं द्वारा दिए अल्पसंख्यक विरोधी बयान ‘गैरजरूरी’ थे । उधर, मोदी के बयान से बुरी तरह झेंपे आरएसएस ने यह कहते हुए इससे पल्ला झाड़ा है कि यह उनके संदर्भ में नहीं कहा गया है। इस बयान पर आरएसएस ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हैं, संघ परिवार नहीं।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि किसी समुदाय के प्रति भेदभाव सहन नहीं किया जाएगा। संविधान सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
मोदी की यह टिप्पणी पिछले एक साल के दौरान जब-तब भड़काऊ बयान देने वाले अपने मंत्रियों, बीजेपी नेताओं के लिए भी चेतावनी माना जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान चर्चों पर हमले और कुछ बीजेपी- संघ नेताओं के भड़काऊ बयानों से सरकार की काफी फजीहत सहनी पड़ी है।
मोदी ने अपनी सरकार के साल पूरे होने पर न्यूज एजेंसी यूएनआई को दिए इंटरव्यू में सरकार की उपलब्धियां तो गिनाई हैं, साथ ही ‘अपनों और परायों’ को कड़ा संदेश भी दिया है।
अच्छे दिनों को लेकर उनकी सरकार पर निशाना साधने वालों को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश का बुरा वक्त बीत चुका है और अच्छे दिन आ गए हैं, लेकिन कुछ लोग सरकार के कामों को धूमिल करने में जुटे हुए हैं। मोदी ने कहा , ‘अच्छे दिन आ चुके हैं लेकिन कुछ लोग हमारे कामों को धूमिल करने में लगे हैं।’
मोदी ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष के विरोध को ‘राजनीति से प्रेरित’ करार देते हुए कहा कि जब पिछली सरकार यह विधेयक लाई थी तो बीजेपी ने इसकी खामियों के बावजूद किसानों के हित में इसका समर्थन किया था। मोदी ने कहा, ‘उस समय हमने यह सोचकर इसका समर्थन किया था कि इससे किसानों का हित होगा।’