लखनऊ – न्याय न मिलने पर एक गैंगरेप पीड़िता के लखनऊ में सिविल अस्पताल की टंकी पर चढ़ जाने से हड़कंप मच गया । अस्पताल के गार्ड की सूचना पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारी करीब एक घंटे तक युवती को समझाते रहे। बाद में कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर युवती टंकी से उतरी। आंबेडकर नगर की रहने वाली युवती का आरोप था कि बंधक बनाकर कई महीनों तक उसके साथ गैंगरेप हुआ। गर्भवती होने पर आरोपियों ने उसका गर्भपात करा दिया और फिर उसके साथ गैंग रेप किया।
डीजीपी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की फटकार के बाद आंबेडकर नगर के महरूआ थाने में रिपोर्ट तो दर्ज की गई, लेकिन आरोपियों को बचाने के लिए उसकी तहरीर बदल दी गई। एएसपी पूर्वी रोहित मिश्र के मुताबिक युवती गुरुवार सुबह अंबेडकर नगर से लखनऊ पहुंची। वह सीधे सिविल अस्पताल गई और सुबह करीब 9:40 पर अस्पताल की टंकी पर चढ़कर आत्महत्या की चेतावनी देने लगी। यह देख वहां काफी भीड़ जमा हो गई। अस्पताल के गार्ड मो. शालू ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी।
कुछ ही देर में एसओ महिला थाना, सीओ हजरतगंज और प्रशासनिक अधिकारी वहां पहुंच गए और युवती को समझाने का प्रयास किया। इस पर युवती ने एक कागज नीचे फेंक दिया। अफसरों ने युवती को आश्वासन दिया कि कागज में लिखी मांगों को पूरा किया जाएगा। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद युवती टंकी से नीचे उतरी। उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
युवती ने आरोप लगाया कि चार लोगों ने उसे अगवा कर बंधक बनाकर महीनों तक दुराचार किया। गर्भवती होने पर उसका गर्भपात करा दिया गया। उसके बाद फिर उसके साथ दुराचार किया गया। इस बार गर्भवती होने पर वह किसी तरह वहां से भागकर 19 मई को लखनऊ पहुंची। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और डीजीपी से शिकायत की।
डीजीपी की फटकार के बाद महरूआ थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। युवती का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने उससे सादे कागज पर साइन करा लिए और अपने हिसाब से तहरीर लिख दी। एएसपी रोहित मिश्र ने बताया कि आंबेडकर नगर के डीएम और पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी गई। डीएम ने युवती को आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आंबेडकर नगर के एसपी ने बताा कि युवती की तहरीर के आधार पर रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। युवती के बयान दर्ज न होने के कारण आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी है।