लखनऊ – योग और सूर्य नमस्कार को लेकर उत्तर प्रदेश के बीजेपी नेताओं और सूबे के कद्दावर मंत्री आजम खान की जुबानी जंग निम्नतम स्तर पर पहुंचती दिखाई दे रही है । दो दिन पहले आजम खान ने बयान दिया था कि उन्हें योग से नहीं योगी (आदित्यनाथ) से बू आती है। इसके जवाब में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कह दिया कि उन्हें उलेमाओं से बू आती है। उनके इस बयान पर अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है।
वाराणसी में मंगलवार को जब बाजपेयी से आजम खान के बयान के बारे में पूछा गया तो वह बोले, ‘उन्होंने योग को राजनीति से जोड़ दिया है, ऐसा नहीं करते तो अच्छा रहता। अगर उन्हें योगी से बू आती है तो हमें उलेमाओं से बू आती है।’ इससे पहले आजम खां ने बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा था कि उन्हें योगी से बू आती है। आजम ने कहा था कि हर धर्म के लोग योग करते हैं क्योंकि यह शारीरिक अभ्यास का एक स्वरूप है।
पूरा विवाद योगी आदित्यनाथ के योग न करने वालों को अंधेरी कोठरी में खुद को बंद करने या समुद्र में डूब जाने की नसीहत से शुरू हुआ है। इसके जवाब में आजम खान ने कहा था कि आदित्यनाथ को अपना दिमाग ठीक रखने के लिए नमाज पढ़नी चाहिए। जवाबी हमले में आदित्यनाथ ने कहा, ‘आजम खान मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार करें तो उनका स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा और बुद्धि भी।’
आदित्यनाथ ने कहा, ‘आजम खान को कोई गंभीरता से नहीं लेता। वह बेहूदा और हल्की बातें करते हैं। वह मुलायम सिंह के लिए मजबूरी हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए नहीं। मेरा यह मानना है कि मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार करें तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक हो जाएगा, बुद्धि भी ठीक रहेगी और बेहूदा बयान देना बंद कर देंगे।’
इस मामले में रविवार को उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज भी एक विवादित बयान देकर कूद पड़े थे। उन्होंने एक निजी टीवी चैनल पर कहा, ‘इस्लाम में सबसे बड़ा नाम मोहम्मद का है और मेरी नजर में मोहम्मद साहब सबसे बड़े योगी थे। मेरे हिसाब से जिसमें ईमान है वही सच्चा मुसलमान है। इस तरह मैं भी सच्चा मुसलमान हूं।’ इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि अगर हम ‘अल्लाह ओ अकबर’ बोल सकते हैं तो फिर आजम खान जय श्री राम क्यों नहीं बोल सकते।