जयपुर- लैला-मजनूं वास्तव में थे भी या नहीं, इसे लेकर भले ही विवाद हो, लेकिन राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में पाकिस्तान सीमा के गांव बिंजोर में हर साल सैंकडों प्रेमी युगल और नव विवाहित अपने प्रेम को लैला-मजनूं जैसा यादगार बनाने के लिए आते हैं और यहां बनी लैला और मजनूं की मजार पर माथा टेक कर आशीर्वाद लेते हैं। इस साल यहां करीब 20 हजार लोग आए।
जयपुर से करीब 600 किमी दूर यह गांव पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है और इस गांव में प्रचलित कहानी के अनुसार लैला-मजनूं परिवार वालों के विरोध के बाद घरों से भागे थे और पानी की तलाश में यहां आ गए थे और यहीं उनकी मौत हो गई थी।
उनकी याद में यहां दोनों की मजारें बनी हुई हैं। इन मजारों पर ही हर साल मेला लगता है। यह मेला कब से आयोजित हो रहा है इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है, लेकिन हर साल यहां सैंकडों लोग आते हैं। मजारों के आस-पास छोटा-मोटा बाजार बन गया है और मेले के दौरान कव्वालियों के अलावा कुश्ती के दंगल की प्रतियोगिताओं के जैसे खेले होते हैं।
गांव वालों का कहना है कि हर साल यहां आने वालों की तादाद बढती जा रही है। इस बार भी करीब 20 हजार लोग यहां आए थे। मेला 11 जून को शुरू हुआ था और सोमवार को खत्म हो गया। यहां के निवासी राजेंद्र का कहना है कि आने वालों की संख्या हर साल बढती जा रही है और इनमें सभी जातियों के लोग होते है।
ज्यादातर लोग आस-पास के गांवों और हरियाणा, दिल्ली आदि से आते हैं। यहां मजार पर माथा टेकते हैं और अपने प्रेम के बने रहने की दुआ मांग कर चले जाते है।
एजेंसी