मोबाइल हैंडसेट के मामले में चाइना के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। भारतीय मोबाइल बाजार पर कब्जे के लिए कंपनियों के बीच होड़ मची हुई है। इसी के मद्देनजर चाइनीज कंपनी श्याओमी ने अपने टॉप फोन एमआई4 की कीमत में 5,000 रुपये की कमी है। वहीं सैमसंग ने भी अपने गैलेक्सी ग्रैंड मैक्स की कीमत में 6,000 रुपये की कटौती की है। कंपनियां यह सब भारतीय बाजार पर कब्जे या फिक कब्जा बरकरार रखने के लिए कर रही हैं।
वर्तमान में सैमसंग और माइक्रोमैक्स पहले और दूसरे नंबर पर काबिज हैं। तीसरे स्थान के लिए कंपनियों के बीच जबर्दस्त होड़ मची हुई है। भारत में सैमसंग और माइक्रोमैक्स स्मार्टफोन बेचने वाली दो टॉप कंपनियों में से एक हैं। इन दोनों का मार्केट शेयर करीब 48 फीसदी है। लेकिन, तीसरे स्थान पर कब्जे के लिए कई कंपनियां लाइन में हैं। तीसरे स्थान की लड़ाई में अभी 5 कंपनियां मुख्य रूप से हैं। इसमें इंटेक्स, लावा और कार्बन भारतीय कंपनियां हैं। मोटोरोला अमेरिकी कंपनी हैं। वहीं श्याओमी चीनी कंपनी है।
हर 3 महीने में कंपनियों की रैंकिंग बदल जाती है। इन कंपनियों के बीच जबर्दस्त कॉम्पिटिशन है। साथ ही नई चीनी कंपनियां ज्यादा चुनौती पेश कर रही हैं। देखा जाए तो हर महीने कोई ना कोई चीनी कंपनी भारतीय मार्केट में उतर रही है।
गूगल के वाइस प्रेजिडेंट (प्रॉडक्ट मैनेजमेंट) सीजर सेनगुप्ता का कहना है कि यह बाजार सबके लिए मुश्किल है। भारत अपने आप में किसी महादेश की तरह है। यहां कई तरह के बाजार हैं। अलग-अलग आबादी है। हर प्रॉडक्ट का अपना खास मार्केट है। उन्होंने कहा कि भारत में अपनी कीमत की ही वजह से ऐंड्रॉयड वन हैंडसेट सफल रहा है।
जनवरी-मार्च क्वॉर्टर में नंबर तीन के रूप में उभर कर सामने आई कंपनी इंटेक्स के बिजनस हैड संजय कालिरोना का कहना है कि मार्केट पर कब्जे के लिए निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना पड़ेगा। अगर आप थोडा सा भी ढीला पड़ेंगे तो आपके हाथ से मौके निकल जाएंगे।