टीकमगढ़ – ओरछा पुलिस थाने में पदस्थ आरक्षक रमाकांत शर्मा ने पुलिस के शासकीय आवास में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। एक अंग्रेजी अखबर टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार रमाकांत शर्मा की मौत भी व्यापमं घोटाले से जुड़ी है। कुछ महीनों पहले एसआईटी ने आरक्षक से पूछताछ की थी। गौरतलब है कि व्यापमं के ही आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में छतरपुर से तीन आरक्षकों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बताया गया कि सुबह करीब 10 बजे तक रमाकांत शर्मा को कमरे से बाहर नहीं आने पर पुलिस ने जब उनके कमरे पर जाकर देखा तो अंदर से कुंदी लगी हुई थी। पुलिसकर्मियों द्वारा आवाज दिए जाने पर जब अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, तब कमरे के ऊपर की बालकनी से पुलिसकर्मी अंदर पहुंचे, तो देखा कि कमरे में पंखे पर रमाकांत फांसी पर लकट रहा है। पुलिसकर्मियों के साथ थाना प्रभारी दिलीप यादव मौजूद थे, उन्होंने तत्काल ही शव को पंखे से उतरवाया और रमाकांत के परिजनों को जानकारी दी।
रमाकांत शर्मा दतिया जिले के उन्नाव के निवासी थे, 5 जुलाई रविवार को उनकी ड्यूटी बेतवा नदी किनारे पर्यटक पुलिस चौकी पर लगाई थी, लेकिन 5 जुलाई की सायं को ही रमाकांत ने हालत ठीक नहीं होना बताई गई। थाना प्रभारी से कहकर वह अपने कमरे पर चले गए, जब सोमवार को सुबह 10 बजे तक कमरे से बाहर नहीं आने पर देखा गया तो फांसी पर लटका शव पाया गया।
घटना के संबंध में जानकारी मिली कि 38 वर्षीय रमाकांत शर्मा की पुत्री ने उन्हें बातचीत करने के लिए फोन लगाया था, लेकिन मोबाइल फोन रिसीव नहीं होने पर पुत्री ने पुलिस थाना में संपर्क किया और पुलिस को पिता जी के द्वारा फोन नहीं उठाने की जानकारी दी, जिस पर से पुलिस ने कमरे पर जाकर देखा तो फांसी पर लटका शव पाया गया।
आत्महत्या के कारणों का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है, मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। कमरे में न तो सुसाइड नोट मिला है, और न ही कोई ऐसी चीज नहीं मिली जिससे आत्महत्या का कारण परिलक्षित होता हो। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। -दिलीप यादव, थाना प्रभारी।
आरक्षक रमाकांत शर्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है, अभी का कारण का कुछ पता नहीं चल पाया है, जांच की जा रही है, जांच के पश्चात ही आत्महत्या के कारण का पता चल पाएगा। रमाकांत पर बहुत सारा कर्जा था और वह ड्रिपेशन में ही रहता था। -निमिष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़।