मोरनी – आज मोरनी खंड़ के कोटी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों की कमी के चलते गुस्साऐ सैंकड़ों अभिभावकों व स्कूली बच्चों ने स्कूल का बहिष्कार कर मोरनी से बडीशेर मुख्य मार्ग पर दो घंटों तक जाम लगाकर रोष जताया व लचर शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी की। करीब दो साल पहले अपग्रेड मोरनी के घगगर पार के सैंकड़ो गांवों का इकलौते वरिष्ठ मा.स्कूल कोटी में बच्चों को बिना शिक्षकों के ही पढऩे को विवश होना पड़ रहा है। तीन दफा अभिभावक व पंचायत यहां पर ताला बंदी कर चुके है। मगर हर बार शिक्षा विभाग के आश्वासनों के अलावा लोगों को कोई शिक्षक उपलब्ध नही हो सके। जिससे नाराज स्कूली बच्चों, सरपंच कौशल्या राणा, स्कूल प्रबंधन कमेटी प्रधान लज्जा राम व अभिभावाकों ने मोरनी बड़ीशेर संपर्क मार्ग को जाम कर दिया। मजे की बात है कि इतने बड़े बवाल के बावजूद यहां पर बच्चों को समझाने शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी यहां पर नही पहुंचा । बाद में मोरनी पुलिस चौंकी के ए.एस.आई. राम कुमार वर्मां ने दल बल के साथ यहां पर पहुंच कर लोगों व बच्चों को कल तक मामला सुलझाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। वहीं यहां पर मौका पर मौजूद सरपंच व लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी की अगर कल वीरवार तक उनके यहां पर शिक्षकों की व्यवस्था ना हुई तो वह मोरनी पंचकूला सडक़ पर जाम लगा देंगे। लोगों ने यहां पर शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत न्यायालय जाने की चेतावनी भी दी।
मोरनी के हिमाचल से लगते घगगर पार के क्षेत्र के सरकारी कोटी स्कूल में करीब दो वर्ष पहले स्कूल को बारहवीें मे अपग्रेड कर दिया गया। मगर यहां पर आज तक बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों का प्रबंध नही किया। जिसके चलते पहले ही दो तीन दफा यहां पर ग्रामीण ताला जड़ चुके है। जिस पर शिक्षा विभाग ने यहां पर दूसरे आसपास के स्कूलों से शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर ताले ख्ुालवाए। मगर अब यहां पर स्कूला का कार्यभार टिककर के प्रधानाचार्य के पास दिया है और ग्यारवीं से बारहवीं तक केवल प्रवक्ता ही कार्यरत है। बाकि किसी भी विषय का कोई प्रवक्ता नही है। यहां पर छटीं से दसवीं तक सामाजिक अध्ययन के दो पद, हिंदी,संस्कृ त, गणित एक,फिजिकल एक के पदों पर कोई शिक्षक ना होने से बच्चों को यह विषय खुद ही पढऩे पढ़ रहे है।
सरपंच मोहन सिंह, पूर्व सरपंच रणजोत दारड़ा, विरेंद्र मामल, जीत सिंह, कुलदीप सिंह आदि लोगों का कहना है कि सरकार को, यहां पर स्कूल को अपग्रेड करने के साथ ही शिक्षकों का प्रबंध करना चाहिए था, क्योंकि यहां पर उन्होनें अपने स्कूल को अपग्रेड करवाने के चक्कर में अपने साथ लगते हिमाचल के स्कूलों से नाम कटवा कर यहां पर उनकी एडमिशन करवाई थी । मगर यहां पर शिक्षकों के ना होने से उनके बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। अभिभावकों का कहना है कि छटी से आठवीं तक की कक्षाएं सिर्फ तीन अध्यापकों के सहारे पर चल रहीहै ।
इस मामले पर मोरनी ख्ंाड़ शिक्षा अधिकारी महा सिंह संधू ने संपर्क करने पर बताया कि उनको मामले की जानकारी मिल गई थी लोगों की समस्या जायज है। इस मामले में स्कूल नया अपग्रेड होने से यहां पर शिक्षक ों की वित विभाग से स्वीकृति नही मिली है बाकि सरकार भर्तियां कर रही है उसके बाद सारा मामला सुधर जाऐगा । उन्होनें कहा कि फिलहाल कल वह आसपास के स्कूलों से शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर वहां पर बच्चों की शिक्षा को सुचारू करेंगे।
रिपोर्ट :- मीना कोशिश