ब्रुसेल्स – ग्रीस को राहत देते हुए यूरो जोन के नेताओं ने रात भर चली इमर्जेंसी मीटिंग में ग्रीस को तीसरी बार बेलआउट दिलाने के लिए एक डील तय की। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ट्विटर पर घोषणा की, ‘यूरो समिट सर्वसम्मति से समझौते पर पहुंच घई है। सभी गंभीर सुधारों एवं वित्तीय मदद के साथ ग्रीस के लिए एक सहायता प्रोग्राम तय करने को लेकर सहमति जताई है।’
लेकिन जर्मनी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं ने कड़ी पाबंदी लगाई है उससे प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास की वामपंथी सरकार गिर सकती है और ग्रीस में हाहाकार मच सकता है। फाइनल शर्तों के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई थी कि उनके श्रम मंत्री ने शर्तों की सरकारी टीवी पर आलोचना की।
यूरोपीय यूनियन के अधिकारियों ने बताया, ‘कर्च चुकता करने के लिए ग्रीक की सरकारी संपत्तियों को बेचने के मकसद से जब्त किए जाने की जर्मनी मांग पर एक समझौते को सिप्रास ने अंततः स्वीकार कर लिया। समझौते की शर्तें फौरन मालूम नहीं हो स की है।
भले ही ग्रीस को तुरंत राहत मिल गई है लेकिन ग्रीस के प्रधानमंत्री सिप्रास के लिए इस डील पर अमल करना बहुत ही मुश्किल काम होगा। पहले उन्होंने अपनी खुद की सिरिजा पार्टी को समझाना होगा कि डील हित में। श्रम मंत्री पानोस स्कारलेटिस पहले ही कह चुके हैं कि शर्तें अव्यवहारिक है और इससे इस साल में नए चुनाव होने का खतरा बढ़ गया है।