नई दिल्ली – दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज को छात्र अब क्लासरूम और कॉरिडोर में मोबाइल इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। कॉलेज प्रशासन द्वारा जारी किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि जो छात्र इस नियम को तोड़ते हुए पाए जाएंगे उनका मोबाइल छीन लिया जाएगा और साथ ही, उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
दिनेश खट्टर, जिन्हें हाल ही में कॉलेज का कार्यकारी प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है, का कहना है कि कॉलेज का यह आदेश असल में क्लासरूम के अंदर का अनुशासन बनाए रखने की एक कवायद है। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि क्लास का माहौल किसी भी तरह से खराब हो, या फिर क्लास में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ हो।
उनका कहना है कि छात्रों को कम-से-कम क्लासरूम के अंदर अपना मोबाइल बंद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रशासन ऐसा तरीका खोजने की कोशिश में है जिससे कि मोबाइल संबंधी इस नियम पर अमल करवाया जा सके।
हालांकि कॉलेज द्वारा जारी उक्त नोटिस पर छात्र और यहां कर कि कई शिक्षक भी खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रिंसिपल का यह फैसला उनकी आजादी और संवैधानिक अधिकारों पर हमला है।
इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से हिंदी विभाग में असोसिएट प्रफेसर बाली सिंह का कहना है कि उक्त फैसला छात्रों की आजादी पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि जिस तरह खाप पंचायतें लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल करने के खिलाफ फैसला सुना देती हैं, ठीक उसी तरह कॉलेज प्रशासन ने मोबाइल इस्तेमाल न करने संबंधी नोटिस जारी किया है।
उनका यह भी कहना है कि उन्हें इस नोटिस के पीछे कोई तुक नजर नहीं आता और न ही आज तक उन्हें किसी छात्र के क्लासरूम के अंदर फोन इस्तेमाल करने से कोई दिक्कत हुई है।
अर्थशास्त्र विभाग के एक प्रफेसर का कहना है कि जिस तरह की पाबंदी छात्रों पर लगी है, उसी तरह का कोई प्रतिबंध शिक्षकों पर क्यों नहीं लगाया गया है। उनका कहना है कि अगर मोबाइल पर पाबंदी लगाने के पीछे कॉलेज प्रशासन ने यह तर्क दिया है कि इससे क्लास में खलल नहीं पहुंचेगा, तो फिर शिक्षकों के मोबाइल लाने की भी मनाही होनी चाहिए।
छात्र भी कॉलेज के इस आदेश से परेशान हैं। एक छात्र ने कहा कि उक्त फैसला तानाशाही जैसा है। उसका कहना है कि छात्र अपने घरों से बाहर रहते हैं, और ज्यादातर छात्र ऐसे हैं जो दिल्ली के बाहर से आए हैं। ऐसे में अपने परिवार के साथ संपर्क रखने के लिए मोबाइल उनकी जरूरत है।
छात्रों का कहना है कि कॉलेज उनसे मोबाइल को साइलंट रखने कह सकता है, लेकिन फोन इस्तेमाल पर इस किस्म की मनाही बेहद गंभीर मुद्दा है। छात्रों का यह भी कहना है कि शिक्षकों के मोबाइल पर जब क्लास के दौरान फोन आता है तब वह भी बात करते हैं।
ऐसे में क्लास में खलल तो पड़ता ही है, तो फिर शिक्षकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर भी पाबंदी क्यों नहीं लगी। छात्रों का यह भी मानना है कि क्लास के अलावा कॉरिडोर में भी मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक का कोई मतलब नहीं है।
एक छात्र ने कहा, ‘कॉरिडोर में क्लास नहीं लगती। वहां कोई पढ़ाई भी नहीं होती है। ऐसे में वहां मोबाइल इस्तेमाल न करने देने का क्या तुक है?’