नई दिल्ली – 15 बच्चों की हत्या के केस में गिरफ्तार रविंद्र कुमार के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सेक्स की भूख के चलते रविन्द्र नरपिशाच बन गया था। वह हत्या के बाद लाशों से सेक्स करता था। पिछले सात सालों से वह हत्याएं कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि रविन्द्र ने अपना गुनाह कबूल लिया है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक रविन्द्र की मानसिक स्थिति नेक्रोफिनिया से पीडित व्यक्ति के समान है। इस बीमारी से पीडित व्यक्ति में शवों के साथ सेक्स करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। 23 वर्षीय रविन्द्र कुमार को गुरूवार को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब पुलिस 6 वर्षीय बच्ची की तलाश कर रही थी। रविन्द्र की घिनौनी करतूतों से 2006 के निठारी कांड की यादें ताजा हो गई।
बस क्लीनर के रूप में काम करने वाले रविन्द्र ने पुलिस को बताया कि वह कैंडी के बहाने बच्चों को ललचाता था। अगर बच्चे विरोध करते तो वह उनकी हत्या कर देता था। हत्या के बाद रविन्द्र उनकी लाशों के साथ सेक्स करता था। वह 2008 से 2015 के बीच दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 15 बच्चों की हत्याएं कर चुका है। एक अधिकारी ने बताया कि पीडितों में से एक छह वर्षीय बच्चा ड्रग्स दिए जाने, गुदा मैथुन करने,सिर में लाठी मारे जाने और गला काटने के बावजूद बच गया। कुमार ने पुलिस को बताया कि वह अपने रिश्तेदारों के गृह नगर (अलीगढ़) में भी इसी तरह के दो क्राइम कर चुका है।
5 फीट 5 इंच के रविन्द्र ने बताया कि उसके पापों के लिए उसके दोस्त जिम्मेदार हैं,जो उसे पोर्न फिल्में दिखाते थे और शराब पिलाते थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोर्ट ले जाते वक्त मीडिया से संक्षिप्त वार्ता के दौरान उसकी मानसिक स्थिति अस्थिर लग रही थी। रविन्द्र ने बताया कि क्राइम करने के बाद बावजूद पकड़े नहीं जाने के कारण वह लगातार बच्चों को अपना शिकार बनाता रहा। बकौल रविन्द्र,क्राइम करने के बाद उसे बुरा लगता लेकिन जब वह शराब पी लेता तो फिर से बच्चे को शिकार बनाने की सोचता।
एक समाचार चैनल से बातचीत में रविन्द्र ने बताया कि अगर उसका बच्चा इसी तरह का क्राइम करता तो वह उसके लिए कड़ी सजा की मांग करता। कुमार का जन्म 1992 में यूपी के बदायूं जिले के गंजदुवारे गांव में गरीब परिवार में हुआ था। उसके पिता ब्र±मानंद प्लंबर का काम करते थे। 2007 में उसका परिवार दिल्ली के बाहरी इलाके कराला में आकर बस गया क्योंकि गांव में छह सदस्यों के परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया था। पुलिस के मुताबिक रविन्द्र ने पहला अपराध 2008 में किया था। हालांकि वह क्राइम रिपोर्ट नहीं हुआ था।
पुलिस अधिकारी ने कह, ऎसा लगता है कि रविन्द्र कुमार यौन विकृत्ति से पीडित है। कुमार ने पुलिस को बताया कि जब भी सेक्स की इच्छा जागृत होती तो वह तीन से आठ साल के बच्चों की तलाश करता। बच्चा चाहे लड़का हो या लड़की,उसे फर्क नहीं पड़ता। वह बच्चों को उस वक्त अपना शिकार बनाता जब वे अकेले खेल रहे होते। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविन्द्र सेक्स वर्कर्स से यौन संतुष्टि प्राप्त नहीं कर सकता था क्योंकि उसके पास पैसे नहीं होते थे।
अधिकारी ने बताया कि कुमार अक्सर गरीब और अशिक्षित परिवारों के बच्चों को अपना शिकार बनाता था,जिन्हें यह पता नहीं होता था कि शिकायत कैसे दर्ज करवाएं। कुछ मामलों में शर्म और बदले के डर से कई परिवार पुलिस में शिकायत दर्ज कराए बगैर दूसरी जगहों पर चले गए। पुलिस उपायुक्त विक्रमजीत सिंह ने कहा कि हम रविन्द्र को उन सभी जगहों पर ले जाएंगे जहां उसने अपनी घिनौनी हरकतों को अंजाम दिया था।