नई दिल्ली- संसद में जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस के रुख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। संसद की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले पार्टी संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह अपने रुख पर कायम है और बिना इस्तीफे के वह सदन नहीं चलने देगी। सोनिया गांधी ने कहा, ‘सरकार जिम्मेदारी की बजाय अहंकार दिखाते हुए संख्या बल का इस्तेमाल कर रही है, जांच की जगह महज चर्चा कराना चाहती है। यह स्वीकार्य नहीं है।’
कांग्रेस की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि बीजेपी का ‘चर्चा पहले और ऐक्शन बाद में’ का स्टैंड पार्टी को कतई मंजूर नहीं है। गांधी ने कहा, ‘हम सदन में अहम मुद्दे उठा रहे हैं और हमारे पास बीजेपी के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं लेकिन सरकार उनके खिलाफ ऐक्शन नहीं ले रही है।’ सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि बिना इस्तीफे के चर्चा की सवाल ही नहीं उठता।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा कि कांग्रेस अपने स्टैंड पर कायम है और बिना इस्तीफे के चर्चा मंजूर नहीं है। वहीं, कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘ बीजेपी उन पर संसद न चलने देने का आरोप लगा रही है लेकिन वह भूल रहे हैं कि मनमोहन सिंह के पीएम होने के दौरान बीजेपी का रवैया भी ऐसा ही था।’
गौरतलब है कि व्यापम और ‘ललितगेट’ मामले को लेकर संसद के मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता अब तक बिना काम-काज के हंगामे की भेट चढ़ चुका है। कांग्रेस लगातार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे का इस्तीफा मांग रही है, वहीं एनडीए सरकार साफ कर चुकी है कि कोई भी इस्तीफा नहीं देगा। बीजेपी सदन में इस मामले पर चर्चा की मांग कर रही है लेकिन कांग्रेस इसके खिलाफ अड़ी है। मॉनसून सत्र में 11 दिन बचे हैं और सरकार चाहती है कि इस बचे समय में संसद की कार्यवाही चल सके।