बिजनौर – शिष्या के शव को कपड़े में लपेटकर गाड़ी की अगली सीट से बांधकर हरिद्वार ले जा रहे एक महंत की अल्टो कार गांव रतनपुर के पास अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। राहगीर मदद को आए तो शव को अगली सीट पर सीट बेल्ट से बंधा देखकर हक्के-बक्के रह गए।
मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि महंत शिष्या के शव को समाधि दिलाने हरिद्वार ले जा रहे हैं।
गुरुवार शाम गांव रतनपुर के पास एक लाल रंग की अल्टो कार पेड़ से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। कार को एक साधु चला रहा था । राहगीर मदद को आए तो उन्होंने गाड़ी की अगली सीट पर कपड़े में लिपटा शव सीट बेल्ट से बंधा देखा।
गाड़ी में सीट से शव बंधा होने की सूचना से हड़कंप मच गया। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। इस बीच पुलिस मौके पर पहुंच गई।
एसओ सुरेंद्र पचौरी ने जांच-पड़ताल की साधु ने बताया कि उनका नाम प्रदीप गिरि है और वे राजस्थान के जिला जोधपुर थाना जाजीवाला स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर व आश्रम के महंत हैं।
उन्होंने बताया कि कार में मौजूद शव उनकी शिष्या दीपा गिरि (45 वर्ष) का है। उनकी दीपा गिरि गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के कारण आठ जुलाई से जोधपुर के श्रीमान सिंह हॉस्पिटल में एडमिट थी।
गुरुवार सुबह करीब पौने चार बजे उनका निधन हो गया। वे शव को समाधिस्थ कराने के लिए हरिद्वार के निरंजन अखाड़ा मायापुरी में गणेश घाट पर ले जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि समाधिस्थ होने वाले शव को लिटाया नहीं जाता है। इसलिए गाड़ी की सीट पर इस तरह बांधकर ले जा रहे थे। एसओ सुरेंद्र पचौरी ने गहनता से जांच कराई तो महंत द्वारा बताई गई बातें सही निकलीं।पुलिस उनके लिए दूसरी गाड़ी की व्यवस्था कराने में लगी थी।