भोपाल – भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उमा भारती के कार्यकाल में भी मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) फर्जीवाड़े और घोटालों से अछूता नहीं था। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने इन दोनों के कार्यकाल में व्यापमं द्वारा आयोजित की गई पीएमटी परीक्षाओं में गड़बड़ी की दो एफआईआर दर्ज की है।
लंबे समय से इस घोटाले को लेकर मचे शोर के बीच यही माना जा रहा था कि समूची गड़बड़ियां मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दस वर्ष के कार्यकाल में ही हुई थीं, लेकिन सीबीआई जिस अंदाज में तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है, उसमें खुलासा हुआ है कि गौर व उमा भारती के कार्यकाल में भी पीएमटी परीक्षाओं में गोलमाल बड़े पैमाने पर चल रहा था। इधर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर इस खुलासे के बाद बुधवार को दिल्ली जा रहे हैं। समझा जाता है कि वह बड़े नेताओं के समक्ष इस मामले पर सफाई देंगे।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद डीमेट ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने के लिए प्रस्तावित दो एजेंसियों के अधिकारी (आइटी एक्सपर्ट) हाजिर नहीं हुए। सोमवार को दो चरणों में मामले की सुनवाई के बाद भी कोई सार्थक हल निकलता न देख कोर्ट ने बुधवार 13 अगस्त को भी सुनवाई जारी रखे जाने की व्यवस्था दे दी।