नई दिल्ली – खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित रहे ‘कोबरापोस्ट’ की ताजा न्यूज रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बिहार में जातीय नरसंहारों की वजह से कुख्यात ‘रणवीर सेना’ को भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री और एक पूर्व वित्त मंत्री का राजनीतिक संरक्षण हासिल था। कोबरापोस्ट का आरोप है कि इन्होंने रणवीर सेना की पैसे और हथियारों से मदद की थी।
कोबरापोस्ट का दावा है कि उसके पास रणवीर सेना के छह कमांडरों से बातचीत की रिकॉर्डिंग है। कोबरापोस्ट के मुताबिक रणवीर सेना के इन कमांडरों ने 1995 से 997 के दौरान 144 दलितों की हत्या में खुद के शामिल होने की बात कबूली है।
इन छह में से दो को पटना हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। रणवीर सेना पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार, दोनों ने ही प्रतिबंध लगा रखा है। ‘ऑपरेशन ब्लैक रेन’ नाम से जारी की गई इस खोजी रिपोर्ट में कोबरापोस्ट ने कई प्रभावशाली लोगों का नाम लिया है।
इस रिपोर्ट में लक्ष्मणपुर बाथे हत्याकांड केस से रिहा किए गए एक आरोपी प्रमोद सिंह को यह कहते हुए बताया गया है, ‘BJP का सरकार जिस समय था… उस समय यशवंत सिन्हा बराबर आते थे… मुखिया जी (रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर सिंह) से बराबर मिले थे… जिस समय छापेमारी हो रही थी… उस समय हमारे गांव में थे…।’
Cobrapost Film Alleges Bihar Militia Had Patronage From ‘A Former PM And FM’