खंडवा – कहते है जिसको माँ सरस्वती का वरदान मिल जाए उसके लिए हर राह आसन हो जाती है फिर चाहे शारीरिक अपंगता ही क्यों न हो । जी हां खण्डवा के ग्राम हपला दीपला में रहने वाले मंसूरी ब्रदर्स की कहानी भी कुछ एसी ही है। मंसूरी ब्रदर्स तीन भाई है और तीनो ही नेत्रहीन है पर इनके कंठ में सरस्वती का वास है इनके सामने अपनी रोजी रोटी का संकट था जिला कलेक्टर के पास जब ये तीनो भाई अपनी फरियाद लेकर जनसुनवाई में पहुचे तो कलेक्टर ने तुरंत उन्हें म्यूजिक इंस्टूमेंट दिला कर उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास किया। म्यूजिक इंस्टूमेंट पा कर तीनो भाइयों के चहरे भी खिल उठे।
ग्राम हपला दीपला के मंसूरी परिवार में जब पहला लड़का हुआ तो ख़ुशी का माहौल बन गया लेकिन जब उस बच्चे की आँखों में रोशनी नहीं होने का पता चला तो माता पिता दुखी हो गए। माता पिता ने दूसरे बच्चे की उम्मीद में नेत्रहीन बच्चे का लालन पोषण किया। लेकिन जब परिवार बड़ा तो चार में से तीन बच्चे की जन्म से ही आँखों में रोशनी नहीं थी । गांव में बैंड बाजा बजा कर पिता ने सभी बच्चों की परवरिश की लेकिन जब यह बच्चे बड़े हुए तो इन्होंने अपनी राह अलग चुन कर गरीब माता पिता का बोझ हल्का कर दिया। आज यह तीनों भाई ईश्वर के भजन और कव्वाली गाकर अपना जीवन यापन करते है और पुरे देश में घूमते है। गरीबी के चलते इनके पास संगीत के वाद्य यंत्र नहीं थे जब यह कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी पीड़ा लेकर पहुंचे तो कलेक्टर ने भी उन्हें वाद्य यंत्र उपलब्ध करा कर उनके आत्म निर्भर होने का साधन उपलब्ध करा दिया। यह तीनों भाई एक साथ रहते है और साथ साथ ही भजन और संगीत के कार्यक्रम करते है।
जुगाड़ के वाद्य यंत्रो से अपना गाना बाजना करने वाले मंसूरी ब्रदर्स को सरकार की तरफ से नए वाद्य यंत्र मिलने से उनका आत्म विश्वास बड़ा है। खंडवा कलेक्टर डॉ महेश अग्रवाल ने भी उनके हुनर को पहचानते हुए तुरंत ही उन्हें सामज कल्याण विभाग की तरफ से मदद दिला दी।
तीनो ही मंसूरी भाइयो की आँखों में रोशनी नहीं है अपने हुनर के बल पर यह दूरदर्शन और आकाशवाणी पर अपने भजन प्रस्तुत कर चुके है। सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक यह तीनों भाई सभी धर्म और परम्परों के भजन गाने में माहिर है।