नई दिल्ली – रेलवे स्टेशन पर साफ-सफाई, पानी आदि की व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के लिए उसे निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली गई है। देश के कुल 407 और प्रदेश के 17 रेलवे स्टेशनों को ठेके पर दिया जाएगा। इसमें रतलाम, भोपाल, जबलपुर और खंडवा रेलवे स्टेशन को भी शामिल किया है। रेलवे बोर्ड के पदेन सचिव एचएस जग्गी ने एक अख़बार कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को विश्वस्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराना है। रेलवे के अनुसार पारदर्शी स्विस प्रणाली के अंतर्गत ही ठेके पर देने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।
ए श्रेणी में 14 स्टेशन
प्रदेश के 14 रेलवे स्टेशन, जो ए श्रेणी का दर्जा रखते हैं, उनको भी निजी हाथों में सौंपा जाएगा। इनमें रतलाम, खंडवा, बीना, इटारसी, हबीबगंज, दमोह, बैतूल, कटनी, मुरैना, मैहर, रीवा, विदिशा, सतना और सिंगरौली शामिल हैं। जग्गी ने बताया, ए और ए1 श्रेणी का दर्जा मिलने के बाद यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर सुविधाएं व सफाई नहीं मिल पा रही है। इस कारण इनके संचालन की व्यवस्था निजी हाथों में दी जा रही है। यह काम दो चरणों में होगा। अधिक बोली लगाने वाली कंपनी को ठेका दिया जाएगा। जो निजी कंपनी सबसे अधिक बोली लगाएगी, उसको ठेका दिया जाएगा।
[box type=”info” ]यह होगा लाभ
रेलवे स्टेशनों पर वर्तमान में यात्रियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मसलन गर्मी के दिनों में नलों से पानी नहीं आना, रेलवे ट्रैक गंदा रहना, प्रतीक्षालय में टूटे नल, कुली से लेकर वेंडरों द्वारा अधिक कीमत लेना आदि। व्यवस्थाएं निजी हाथों में देने से इसमें सुधार होगा और यात्रियों की परेशानी कम होगी।[/box]
विवाह के कारण नहीं लगेगी अनुकंपा पर रोक
किसी कर्मचारी ने विवाह कर लिया है, तो रेलवे अब इसे आधार बनाकर अनुकंपा नियुक्ति देने से इंकार नहीं कर सकेगी। मंडल में तत्कालीन प्रबंधक ललीता वेंकटरमण ने ऎसे करीब 100 अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन रोक दिए थे, जिसमें विवाह अड़चन बना हुआ था। पश्चिम रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी एसके अलबेला ने पूर्व डीआरएम के इस निर्णय को बदलते हुए निर्णय को गलत ठहराया है। अब मंडल अधिकारी सभी को योग्यता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति देने की तैयारी कर रहे हैं।
ए-1 स्टेशनों में शामिल
रेलवे में ए-1 श्रेणी के कुल 75 और ए श्रेणी के 332 रेलवे स्टेशनों को ठेके पर देने को मंजूरी दे दी गई है। इसमें प्रदेश के ए 1 स्टेशन में भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को शामिल किया गया है। हैरानी की बात यह है की लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन अपने संसदीय क्षेत्र इंदौर को ए-1 श्रेणी में शामिल होने के बाद भी इस सूची में शामिल नहीं करा सकी हैं।