नई दिल्ली – चुनाव आयोग ने आज बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इस तरह दिवाली से पहले प्रदेश को नई सरकार मिल जाएगी।
बिहार चुनाव की तारीखों का एलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त नसिम जैदी ने बताया कि , ‘बिहार की 243 सीटों पर 6.68 करोड़ वोटर हैं। इनमें से 47 नक्सल प्रभावित हैं वहीं 38 एससी और 2 एसटी सीटें हैं। हम शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी कोशिश होगी की मतदान का रिकॉर्ड टूटे। चुनाव को लेकर सभी त्यौहारों का ध्यान रखा गया है।’
चुनाव तारीखों का एलान करते हुए उन्होंने कहा कि, चुनाव पांच चरण में होंगे जिसमें पहले चरण का मतदान 12 अक्टूबर होगी।
[box type=”info” ]पहला चरण :
अधिसूचना की तारीख : 16 सितंबर
नामांकन की आखिरी तारीख : 23 सितंबर
मतदान : 12 अक्टूबर[/box]
[box type=”info” ]दूसरा चरण :
अधिसूचना की तारीख : 21 सितंबर
नामांकन की आखिरी तारीख : 28 सितंबर
मतदान : 16 अक्टूबर[/box]
[box type=”info” ]तीसरा चरण :
अधिसूचना की तारीख : 1 अक्टूबर
नामांकन की आखिरी तारीख : 8 अक्टूबर
मतदान : 28 अक्टूबर[/box]
[box type=”info” ]चौथा चरण :
अधिसूचना की तारीख : 7 अक्टूबर
नामांकन की आखिरी तारीख : 18 अक्टूबर
मतदान : 1 नवंबर[/box]
[box type=”info” ]पांचवां चरण :
अधिसूचना की तारीख : 8 अक्टूबर
नामांकन की आखिरी तारीख : 18 अक्टूबर
मतदान : 5 नवंबर[/box]
[box type=”note” ]मतगणना व नतीजे :
8 नवंबर[/box]
उन्होंने आगे कहा कि, ‘कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम सभी से सहयोग की अपील करते हैं। त्यौहारी माहौल में कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का अनुरोध करते हैं।’
तैयारियों की जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि, ‘चुनाव के मद्देनजर असामाजिक तत्वों की पहचान की गई है। चुनावों के दौरान हेलीकॉप्टर, मोटरबोट के माध्यम से निगरानी की जाएगी। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की मदद से सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।’
चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि इस बार आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस या भाजपा तथा उसके सहयोगी दलों में से किसके लिए दिवाली रंगीन होगी और किसके लिए काली साबित होगी। 50 हजार पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की कड़ी निगरानी के बीच चुनाव संपन्न होंगे।
चुनाव की तारीखों पर गंभीरता से किया गया, क्योंकि दिवाली, छठ जैसे बड़े त्यौहार बीच में पड़ रहे हैं। चुनाव की तारीखों की घोषणा और मतदान में अंतर रखा जाता है, जिससे सरकार को अपनी नीतियां निर्धारित करने में आसानी हो।