जैसलमेर – जैसलमेर की हर एक गली में लोगों को रोज सुबह एक मुस्लिम शख्स का इंतज़ार करते देखा जा सकता है। जैसे ही उस के ठेले में लगी घंटी की आवाज़ कानो में सुनाई देती है सभी के चहरे खुल उठते है। यह मुस्लिम शख्स कोई और नहीं बल्कि पंद्रह वर्षो से गौ सेवा कर रहे हाजी मेहरुदीन है। हाजी मेहरुदीन बुजुर्ग होने के बाद भी लगातार अपनी पुरे शहर से रोटी इकट्ठा कर गायों को खिलते है उनका मानना है ऐसा करने से उन्हें बेहद शुकुन मिलता है।
आज देश में गाय को लेकर नेताओं के जहरीले बयान और दंगे आम हो चले है वाही ऐसे भी लोग है जो इन सब के बाद भी अपनी सेवा भावना का परिचय देने से नहीं चूकते। ऐसे ही है जैसलमेर के रहने वाले हाजी मेहरुद्दीन जो रोज गौ सेवा करने के लिए पुरे शहर से रोटियां इकट्ठा कर उन्हें खिलते है। शहर के लोग भी उन्हें उतना ही प्रेम और सम्मान देते है सुबह से उनके इंतज़ार के अपने दरवाजे पर टकटकी लगाए राह तकते रहते है जैसे ही उनकी ठेला गाड़ी में लगी घंटी की आवाज़ शहरवासियों के कानो में गूंजती है खुशी से खिले चारे हाथ में रोटी लिए उनकी और दौड़ पड़ते है।
हाजी मेहरुद्दीन का गौसेवा का यह जज्बा कभी काम नहीं होता चाहे गर्मी हो या बारिश या कड़ाके की ठण्ड। हाजी मेहरुद्दीन गौ को ही अपना धर्म मानते है ऐसा करने से उन्हें बहुत शुकुन मिलता है साथ ही भारत की गंगा-जमनी तहजीब की मिसाल भी देखने को मिलती है। हाजी मेहरुद्दीन नमाज़ के भी पाबंद है उनका कहना है की कोई भी धर्म हिंसा का रास्ता नहीं दिखता बल्कि हर धर्म शांति एकता और विश्वास भाई चारे का सन्देश देता हैं हाजी महरुद्दीन के अनुसार सद्भावना से बड़ा कोई धर्म नही। जहरीली भाषा बोले वाले नेताओं को हाजी मेहरुद्दीन से सबक लेना चाहिए।
रिपोर्ट :-चन्दन सिंह भाटी