भोपाल – मध्यप्रदेश में सुखा पड़ने की वजह से किसानो की हालत नाजुक है अन्नदाता रोज़ अपनी जान दे रहे हैं , ऐसी स्थिति में शिवराज सिंह द्वारा फिर एक बार किसानो को 515 करोड़ देने की जो बात कही गयी है वह एक धोखा है।
किसानो को 2013-14 के खरीफ फसल की नुकसान के एवज में 515 करोड़ के बीमा की घोषणा यह साफ़ तौर पर बताती है कि 2013 -14 के नुकसान का बीमा भी आज तक नहीं दिया गया है। 4.5 लाख किसानों की 20 लाख हेक्टेयर को 515 करोड़ का बीमा का अर्थ है 1000 रूपये प्रति एकड़ जो कि किसान की 15000 रूपये प्रति एकड़ के समक्ष नगण्य है।
अभी 2015 में हुए फसल नुकसान के बारे में कोई घोषणा न करना शिवराज सिंह चौहान के किसान विरोधी चरित्र को साफ़ दिखता है। शिवराज सिंह चौहान का यह जुमला ऊँट के मुंह में जीरे की तरह है ।
अगर केजरीवाल की दिल्ली सरकार किसानो को 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवज़ा दे सकती है तो शिवराज की मध्य प्रदेश सरकार क्यों नहीं दे सकती । शिवराज सिंह किसान पुत्र है तो आंकड़ों की जुमला बाजी बंद कर किसान के लिए ठोस कदम उठायें वरना अन्नदाता की आह उन्हें ले डूबेगी।