पटना- बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के पहले दो चरण के मतदान संपन्न होने के बाद अब सबकी निगाहें तीसरे चरण पर टिक गयी हैं। तीसरे चरण के तहत आगामी 28 अक्टूबर को पचास सीटों के लिए मतदान होने हैं।
खास बात यह है कि इसी चरण में पटना, नालंदा, छपरा, वैशाली, आरा और बक्सर आदि जिलों में मतदान होने हैं। इन जिलों में जहां एक ओर लालू-नीतीश की ताकत भी सामने आयेगी और भाजपा गठबंधन का जोर भी सार्वजनिक होगा। वजह यह है कि नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है तो पटना के बाढ़, बख्तियारपुर से उनका ऐतिहासिक जुड़ाव रहा है।
वहीं दूसरी ओर छपरा को तो लालू प्रसाद की पहचान से जाना जाता है। लिहाजा छपरा में फतह कर महागठबंधन को लीड दिलाने की सबसे बड़ी जिम्मेवारी लालू प्रसाद की होगी। तीसरे चरण में ही वैशाली में मतदान होंगे जहां राघोपुर से उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव तो महुआ से उनके बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ताल ठोंक रहे हैं।
इन दोनों के बहाने भाजपा गठबंधन ने लालू प्रसाद को पटखनी देने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। मसलन राघोपुर में भाजपा ने निवर्तमान विधायक सतीश कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है जो पिछली बार जदयू से चुनाव जीते थे।
वैशाली जिला भाजपा गठबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है। वजह यह है कि हाजीपुर से लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान स्वयं लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। लिहाजा इस बार उन्हेंं हाजीपुर और वैशाली में भाजपा को जिताने की चुनौती है। हालांकि वैशाली में वर्तमान लोजपा सांसद रामा सिंह के विद्रोही रूख के कारण भाजपा गठबंधन की जान सांसत में अटकी पड़ी है।
तीसरे चरण में ही राजधानी पटना के सभी विधानसभा क्षेत्रों का फैसला भी होना है। पटना जहां एक ओर भाजपा के लिए खास है क्योंकि पटना के शहरी इलाकों में उसका ट्रैक रिकार्ड अच्छा रहा है। वही दूसरी ओर पटना के ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों यथा मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, फतुहां, दानापुर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और बिक्रम आदि क्षेत्रों में जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन की ताकत को कम कर आंकने की भूल भाजपा के शीर्ष नेता नहीं कर सकते हैं। लिहाजा इन क्षेत्रों में भी राजनीतिक रस्साकशी चरम पर है।
बहरहाल तीसरे चरण में ही आरा और बक्सर जिलों में भी चुनाव होने हैं जहां दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। पिछली बार जदयू के कारण भाजपा को इन जिलों में अपेक्षाकृत अधिक सफलता मिली थी जो इस बार उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी के आसरे मजबूर है। वहीं जदयू को राजद का साथ मिलने से सफलता मिलने की उम्मीद है।
खासकर डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में ददन पहलवान के जदयू में शामिल हो जाने के कारण यादव मतों में बिखराव न्यून होने की संभावना है जिसके कारण बक्सर का चुनाव इस बार ऐतिहासिक होने की संंभावना व्यक्त की जा रही है।
रिपोर्ट:- नवल कुमार